वाशिंगटन । अमेरिकी संसद की एक शक्तिशाली समिति ने तिब्बत के इतिहास को लेकर चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के दुष्प्रचार से निपटने और तिब्बत एवं चीन के पुराने विवाद को सुलझाने के लिए दलाईं लामा के दूतों के साथ वार्ता का चीन पर दबाव बनाने के अमेरिकी प्रयासों को मजबूत करने को लेकर एक विधेयक पारित किया है। विधेयक में चीन के इस दावे को भी गलत बताया गया है कि तिब्बत प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति ने इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। समिति के अध्यक्ष माइकल मैकॉल ने कहा, यह विधेयक चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) और तिब्बत में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के बीच संवाद की आवश्यकता पर जोर देता है। किसी भी प्रस्ताव में तिब्बती लोगों की इच्छाएं और आवाज शामिल होनी चाहिए। मैकॉल ने कहा, तिब्बती लोकतंत्र-प्रेमी लोग हैं जो स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनकी इच्छाओं का भी सम्मान किया जाए, जैसा हम अमेरिका में करते हैं।