09 विधानसभा क्षेत्र में 99% से अधिक मतदाताओं की मैपिंग पूरी
98 विधानसभा क्षेत्रों में हुआ 100% डिजिटाइजेशन
जैसलमेर। राजस्थान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब लक्ष्य स्पष्ट हो और कार्यप्रणाली मजबूत, तो सफलता सुनिश्चित होती है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम¼SIR½–2026 में राजस्थान देशभर में अग्रणी है। यह उपलब्धि सिर्फ आंकड़ों तक नहीं, बल्कि उस सतत प्रयास, तकनीकी दक्षता और जमीनी समर्पण की है, जो राजस्थान के निर्वाचन विभाग को नए मापदंड दे रही है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने बताया कि प्रदेश में कुल 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 गणना प्रपत्रों में से 5 करोड़ 43 लाख से अधिक प्रपत्रों को सफलतापूर्वक ECI&Net पर अपलोड कर दिया गया है। यानी 99.5 प्रतिशत काम समय सीमा से पहले पूरा—एक ऐसा आंकड़ा जो राज्य की डिजिटल क्षमता और बेहतर समन्वय का प्रमाण है।
श्री महाजन ने बताया कि मतदाताओं की मैपिंग में राजस्थान 95 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि के साथ पूरे देश में सबसे आगे है। प्रदेश के 9 विधानसभा क्षेत्र में 99% से अधिक मतदाताओं की मैपिंग पूरी हो चुकी है। इनमें कपासन, बायतु, सलूंबर, लोहावट, नगर, सिकराय, ओसियां, शाहपुरा एवं बामनवास शामिल है। मैपिंग से यह लाभ है की जिन मतदाताओं की मैपिंग हो जाती है, उन्हें विशेष गहन पुनरीक्षण की संपूर्ण प्रक्रिया में किसी भी तरह का कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कपासन विधानसभा क्षेत्र मैपिंग में सबसे आगे है। उनके यहां 99. 46% मतदाताओं की मैपिंग की जा चुकी है अर्थात कपासन के कुल 2.73 लाख मतदाताओं में से केवल लगभग 1500 मतदाताओं को ही आयोग द्वारा निर्धारित दस्तावेज देने होंगे। यह वह कार्य है जो मतदाताओं की सहूलियत, चुनावी पारदर्शिता, बूथवार सटीकता और मतदाता प्रबंधन को मजबूत आधार देता है।
उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले बीएलओ की मेहनत इस सफलता की रीढ़ है। प्रदेश के 46,000 से अधिक पोलिंग बूथों पर बीएलओ ने 100 प्रतिशत कार्य पूरा कर यह सुनिश्चित किया कि हर घर तक पहुंच कर मतदाता सूची का सटीक अद्यतन हो। डिजिटाइजेशन के स्तर पर भी राजस्थान किसी से पीछे नहीं। बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा, झालावाड़, फलौदी, भरतपुर, चूरू, दौसा एवं बारां जिले 100 प्रतिशत डिजिटाइज होकर आदर्श के रूप में उभरे हैं।
श्री महाजन ने बताया कि बात सिर्फ आँकड़ों की नहीं, बल्कि उस सामूहिक भावना की है जो यह सुनिश्चित करती है कि मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण जैसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक दस्तावेज पूरी सटीकता, पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता के साथ तैयार हों। SIR–2026 में राजस्थान की यह उपलब्धि मतदाता सूची को और अधिक विश्वसनीय, व्यवस्थित और मतदाता–केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।