के डी अब्बासी
कोटा। कोटा शहर के रेलवे कॉलोनी थाना प्रभारी रामस्वरूप मीणा ने हनीट्रैप केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक साल से फरार 10 हजार की ईनामी बबलप्रीत उर्फ नरगिस को नए कानून के तहत गिरफ्तार किया है। कोटा सिटी एसपी तेजस्विनी गौतम ने जानकारी देते बताया कि
नए आपराधिक कानूनों की सख्त कार्रवाई और ट्रायल इन एब्सेंटिया की प्रक्रिया के डर से आरोपी ने चंडीगढ़ से कोटा आकर रेलवे कॉलोनी थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने बताया कि यह मामला थाना रेलवे कॉलोनी से जुड़ा है, जिसमें हनीट्रैप, ब्लैकमेलिंग, फिरौती और अवैध वसूली जैसे गंभीर आरोप हैं। इस मामले में पहले ही असलम शेर खान उर्फ चिंटू उर्फ कालिया, दानिश हनीफी उर्फ नाई, इरफान उर्फ तनू, समा परवीन और गोलू को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि बबलप्रीत लंबे समय से फरार थी। उन्होंने बताया कि आरोपी गिरोह प्रतिष्ठित और संपन्न लोगों को महिलाओं के जरिए प्रेमजाल में फंसाकर झूठे मुकदमों की धमकी देता था और मोटी रकम वसूल करता था। पीड़ित सदामुद्दीन की रिपोर्ट के अनुसार, बबलप्रीत और उसके साथियों ने उसे विवाह, बलात्कार के झूठे मामलों और अदालती बयान के जरिए ब्लैकमेल कर करीब साढ़े तीन लाख रुपये से अधिक की राशि वसूली है। इसके अलावा, किराए के फ्लैट से घरेलू सामान भी जबरन ले लिया गया।बबलप्रीत उर्फ नरगिस की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कोटा, बूंदी, जयपुर और अजमेर सहित कई जगह दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। रेलवे कॉलोनी थाना प्रभारी रामस्वरूप मीणा ने इसको न्यायालय से उद्घोषित अपराधी घोषित करवाया था। इस पर 10 हजार रुपये का इनाम रखा गया। हाल ही में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 356 के तहत ट्रायल इन एब्सेंटिया की प्रक्रिया शुरू होने की जानकारी मिलने पर आरोपी ने आत्मसमर्पण कर दिया। फिलहाल पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है और गिरोह से जुड़े अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है।
अपील (Appeal): अभियुक्त तभी अपील कर सकता है जब वह खुद कोर्ट में हाजिर हो जाए। BNSS की धारा 356 एक ऐसा तंत्र है जो न्यायपालिका को अपराधियों को कानून से भागने से रोकने और न्याय प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है।
गठित टीमः- रेलवे कॉलोनी थाना प्रभारी रामस्वरुप मीणा पुलिस इंस्पेक्टर सहायक उप निरीक्षक
रामसिंह, हेड कांस्टेबल कपिल गर्वे कांस्टेबल अजीत शामिल थे।