उदयपुर। पहलगाम आतंकवादी हमले के भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए थे। इनमें भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों की समग्र कर्मचारियों की संख्या को कम कर दिया गया और पाकिस्तान उच्चायोग के तीन राजनयिकों और अधिकारियों को परसोना नॉन-ग्राटा (अस्वीकार्य व्यक्ति) घोषित कर उन्हें भारत से निष्कासित कर दिया गया था।
सांसद डॉ मन्नालाल रावत द्वारा संसद में पूछे गए प्रश्न पर विदेश राज्य मंत्री पवित्र मार्गेरिटा ने यह जानकारी दी। सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत संसद में यह प्रश्न किया था कि वर्तमान में भारत में स्थित उच्चायागों और दूतावासों की देश-वार संख्या कितनी है, इन सभी उच्चायोगों और दूतावासों में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं और भारतीय तथा विदेशी नागरिकों की संख्या कितनी है। इसके अलावा क्या सरकार को किसी भी देश के उच्चायोग या दूतावास में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या को कम करने अथवा सीमित करने का अधिकार है तथा क्या मई 2025 में पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या घटाई गई थी।
सांसद डॉ रावत के प्रश्न पर विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि पहलगाम आतंकवादी हमले को ध्यान में रखते हुए 23 अप्रैल 2025 को हुई सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) के निर्णय के बाद 1 मई 2025 से भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों की समग्र कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 कर दिया गया था। इसके बाद नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के तीन राजनयिकों और अधिकारियों को परसोना नॉन-ग्राटा (अस्वीकार्य व्यक्ति) घोषित कर दिया गया था और भारत से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था क्योंकि उनकी गतिविधियां भारत में उनकी राजनयिक आधिकारिक स्थिति के अनुरूप नहीं थीं। पाकिस्तान उच्चायोग में वर्तमान कर्मचारियों की संख्या 27 है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार किसी भी देश के उच्चायोग या दूतावास में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या को कम या सीमित कर सकती है।