उदयपुर। आकाशवाणी स्टेशनों द्वारा निर्मित कार्यक्रमों का पुनः प्रसारण करने के लिए प्रसार भारती के रिले स्टेशन पूरे देश में स्थापित किए गए हैं। इससे तकनीकी और मानव संसाधनों का सर्वाेत्तम उपयोग सुनिश्चित हो रहा है और सार्वजनिक प्रसारण की व्यापक जनसंपर्क क्षमता भी बढ रही है, जिससे कार्यक्रम की गुणवता बनी रहती है।
सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत द्वारा संसद में पूछे गए प्रश्न पर सूचना और प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने यह जानकारी दी। सांसद डॉ रावत ने वर्तमान में देश भर में स्थापित आकाशवाणी केन्द्र, मूल कार्यक्रम का निर्माण और प्रसारण करने वाले आकाशवाणी केन्द्र, कई आकाशवाणी केंद्रों द्वारा मूल कार्यक्रम प्रसारित करने के बजाय अन्य आकाशवाणी केंद्रों के कार्यक्रमों को रिले करने तथा उदयपुर जिलों में पांच वर्ष पूर्व स्थापित आकाशवाणी केंद्रों से अन्य आकाशवाणी केंद्रों के कार्यक्रमों को रिले करने के कारण को लेकर प्रश्न किए थे।
जवाब में सूचना और प्रसारण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में, आकाशवाणी के 591 प्रसारण स्टेशन देशभर में कार्यरत हैं। इनमें से 230 स्टेशनों में मूल कार्यक्रमों के निर्माण और प्रसारण के लिए स्टूडियो सुविधा उपलब्ध है। शेष 361 स्टेशन प्रसारण की पहुंच बढ़ाने के लिए अन्य आकाशवाणी केंद्रों के कार्यक्रमों की रिले करते हैं। भीलवाड़ा में स्थित एक 100 वाट एफएम रिले स्टेशन (जिसे 28.04.2023 को रिले स्टेशन के रूप में चालू किया गया था) विविध भारती सेवा का प्रसारण करता है। आकाशवाणी उदयपुर के पास कार्यक्रमों के निर्माण और प्रसारण के लिए स्टूडियो की सुविधा उपलब्ध है। यह विविध भारती सेवा (एफएम) पर स्थानीय स्तर पर कार्यक्रमों का निर्माण करता है।
आकाशवाणी भीलवाड़ा सहित प्रसार भारती के रिले स्टेशन पूरे देश में स्थापित किए गए हैं, जिनका उद्देश्य अन्य आकाशवाणी स्टेशनों द्वारा निर्मित कार्यक्रमों का पुनः प्रसारण करना है। इससे तकनीकी और मानव संसाधनों का सर्वाेत्तम उपयोग सुनिश्चित होता है और सार्वजनिक प्रसारण की व्यापक जनसंपर्क क्षमता बढ़ती है, जिससे कार्यक्रम की गुणवता बनी रहती है।