उदयपुर- स्ट्रोक के मामले देशभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यदि इसके आंकड़ों पर गौर करें, तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर साल 15 मिलियन लोग स्ट्रोक से पीड़ित होते हैं। इनमें से 5 मिलियन की मृत्यु हो जाती है और अन्य 5 मिलियन विकलांग हो जाते हैं। इसके मामले राजस्थान व उसके आसपास के क्षेत्र में भी ज्यादा बढ़े हैं और इसीलिए विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर जागरूकता हेतु पारस हेल्थ, उदयपुर ने वॉकथॉन का आयोजन किया जिसमें लगभग 300 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
पारस हेल्थ, उदयपुर के इंटरवेशनल न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. तरुण माथुर, कंसल्टेंट न्यूरोलॉजी, डॉ. मनीष कुलश्रेष्ठ और सीनियर न्यूरोसर्जन, डॉ. अजीत सिंह ने लोगों को स्ट्रोक के प्रति जागरूक किया और बताया कि यह समस्या अधिकतर 50 वर्ष की आयु के बाद लोगों में देखने को मिलती हैं, परंतु पिछले कुछ समय से 30 से 35 वर्ष की आयु के लोगों में भी ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं। अनुचित खानपान, व्यायाम की कमी व तनाव के कारण स्ट्रोक की संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है, जो कि अपने आप में ही एक चिंता का विषय है इसलिए हर साल स्ट्रोक डे मनाया जाता है ताकि स्ट्रोक को लेकर जागरूकता बढ़ाई जा सके। इससे बचने के लिए आप इसके लक्षणों का ध्यान रखें। मरीज को बोलने और समझने में बहुत कठिनाई होती है, वह अचानक से किसी वाक्य को बोलने में सक्षम नहीं हो पाता है, उसे कुछ समझ में भी नहीं आता, उस दरमियान ऐसे में मरीज को शांत रहने के लिए कहें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पारस हेल्थ, उदयपुर स्ट्रोक के लिए एक तैयार अस्पताल है। यहां स्ट्रोक के मरीजों का इलाज विश्वस्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। पारस हेल्थ, उदयपुर में मरीजों की अत्याधुनिक देखभाल के साथ उन्हें हर प्रकार की स्वस्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिससे मरीज को एक बेहतर जीवन प्राप्त हो सके।