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गंगनहर शिलान्यास के सौ वर्षः मुख्यमंत्री ने नहरी तंत्र को दी 1 हजार 717 करोड़ रुपए की सौगात

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10 Dec 25
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गंगनहर शिलान्यास के सौ वर्षः मुख्यमंत्री ने नहरी तंत्र को दी 1 हजार 717 करोड़ रुपए की सौगात

5 दिसंबर 1925 को महाराजा गंगासिंह ने किया था शिलान्यास, 5 दिसंबर 2025 को मुख्यमंत्री ने नहरी तंत्र सुदृढ़ीकरण का दोहराया संकल्प
श्रीगंगानगर।
गंगनहर के शिलान्यास के सौ वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने नहरी तंत्र के लिए 1 हजार 717 करोड़ रुपए के कार्यों की सौगात देकर, इस अवसर को ऐतिहासिक एवं यादगार बना दिया। सौ वर्ष पूर्व 5 दिसंबर 1925 को महाराजा गंगासिंह ने गंगनहर का शिलान्यास किया था। उनकी दूरदर्शी सोच ने मरुस्थल को अन्न भंडार में बदल दिया। ठीक सौ वर्ष बाद 5 दिसंबर 2025 को मुख्यमंत्री ने श्रीगंगानगर के साधुवाली में आयोजित ‘गंगनहर शताब्दी समारोह‘ में महाराजा गंगासिंह को नमन करने के साथ उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए गंगनहर के पुनरुद्धार के 1 हजार 717 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। इन विकास कार्यों से गंगनहर प्रणाली को नई मजबूती मिलेगी और किसानों के जीवन में नई समृद्धि आएगी।
फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण से पानी की नियमित आपूर्ति में स्थिरता आएगी और पूरे नहर तंत्र की जीवन क्षमता बढ़ेगी। इस कार्य पर 647 करोड़ रुपये व्यय होंगे। इसी प्रकार 300 करोड़ रुपये से बीकानेर कैनाल के पुनरुद्धार से लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे प्रथम चरण में 695 करोड़ रुपये से गंगनहर प्रणाली के 3.14 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र का ऑटोमेशन भी होगा। इससे पानी का वैज्ञानिक वितरण और रियल टाइम मॉनिटरिंग जैसे काम संभव हो सकेंगे। क्षतिग्रस्त नहरों एवं नकारा खालों का पुनर्निर्माण 75 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इन सभी कार्यों को अक्टूबर 2027 तक पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में सिंचाई जल की कमी दूर करने के लिए कई ऐतिहासिक काम किए गए हैं। राम जल सेतु लिंक परियोजना में काम शुरू होने के साथ ही यमुना जल समझौते में डीपीआर बनाने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में नहरी तंत्र के सुदृढ़ीकरण हेतु दो वर्षों में करीब 5 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इनमें करीब 1 हजार 400 करोड़ रुपये के कार्य प्रगतिरत हैं तथा 3 हजार 265 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। आईजीएनपी की नहरों के जीर्णोद्धार एवं पक्के खालों के निर्माण के लिए 3 हजार 400 करोड़ का बजट दिया गया है। सिंचाई परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री सिंचाई टास्क-फोर्स का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बीकानेर जिले में भी गत दो वर्षों में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। इनमें इंदिरा गांधी मुख्य नहर के बुर्जी 507 पर दाई ओर स्थित एस्केप रिजर्ववायर को जल जीवन मिशन के तहत वृहद जलाशय में परिवर्तित किए जाने की योजना के तहत डिपोजिट मद में 208 करोड़ रुपए की लागत से कार्य पूर्ण किया गया। परियोजना की पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट नहर पर फव्वारा सिंचाई पद्धति की स्थापना के लिए पैकेज जीएल-1, जीएल-2, बीजीएल-1 एवं बीजीएल-2 का कार्य पूर्ण कर लगभग 58 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा सिंचाई पद्धति स्थापित की गई है।


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