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आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना में श्रीगंगानगर जिले की पांच ग्राम पंचायतें चिन्हित

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10 Dec 25
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आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना में श्रीगंगानगर जिले की पांच ग्राम पंचायतें चिन्हित

’आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना को लेकर उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद ने ली समीक्षा बैठक’
श्रीगंगानगर।
माननीय उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति और जीवनशैली को आमजन का अभिन्न हिस्सा बनाना है।
डॉ. बैरवा शासन सचिवालय में मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2025-26 के अंतर्गत आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के संबंध में आयोजित राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में निरोगी रहने, रोगों की रोकथाम करने और प्रकृति आधारित उपचार पद्धतियों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक प्राकृतिक और संतुलित जीवनशैली अपनाकर स्वस्थ, सशक्त और ऊर्जा से भरपूर जीवन जी सके।
’प्रत्येक जिले की पांच-पांच ग्राम पंचायतों का चयन’
आयुर्वेद विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री सुबीर कुमार ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में प्रत्येक जिले की 5 ग्राम पंचायतों का चुनाव किया गया हैं। राज्य भर में कुल 210 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसके बाद आयुष्मान आरोग्य मंदिर वाली सभी ग्राम पंचायतों को इसमें सम्मिलित किया जायेगा। इन पंचायतों में 18 स्वास्थ्य सूचकांकों पर काम किया जायेगा और इन सूचकांकों की पूर्ण पालना वाली ग्राम पंचायतों को 11 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
’श्रीगंगानगर जिले की इन ग्राम पंचायतों का किया गया है चयन’
आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक डॉ. चरणजीत ने बताया कि आयुष्मान आदर्श ग्राम योजना के पहले चरण में श्रीगंगानगर उपखंड की तीन ग्राम पंचायत नेतेवाला, संगतपुरा और दुल्लापुर कैरी, सूरतगढ़ की संघर और घडसाना की मीरगढ ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है। सहायक निदेशक ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिए स्वास्थ्य में सुधार करके ग्रामीण क्षेत्र में आमजन का आहार विहार, दिनचर्या, ऋतुचर्या, प्रकृति परीक्षण आदि 18 प्रकार का स्वास्थ्य सूचकांकों के माध्यम से समाज को निरोगी बनाना है। 18 सूचकांकों पर शत-प्रतिशत प्राप्ति पर 11 लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना को सफल बनाने में चिकित्सा, शिक्षा, पंचायती राज, सांख्यिकी, सूचना जनसंपर्क, वन महिला एवं बाल विकास की सहभागीदारी रहेगी।  
’आरोग्य मित्र और सखी से होगा गाँव-गाँव आयुष्मान’
डॉ. चरणजीत ने बताया कि पांचों ग्राम पंचायतों में आरोग्य मित्र एवं आरोग्य सखियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा। वे वरिष्ठ नागरिकों, बालिकाओं, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को वनौषधि परिचय, घरेलु उपचार, आहार-विहार, योग व्यायाम, बीपी व ब्लड शुगर मॉनिटरिंग, नशामुक्ति जैसे सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विषयों का ध्यान रखेगे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान इस योजना की जिले की सहायक नोडल अधिकारी स्वाती गुप्ता आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक डॉक्टर चरणजीत और राजकीय आयुर्वेद औषधालय नेतेवाला के प्रभारी वैद्य विनोद कुमार शर्मा समेत पंचायती राज, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग, वन विभाग, जलदाय विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।


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