। भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम एक भारत-श्रेष्ठ भारत के तहत भारतीय भाषा उत्सव के अन्तर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। भाषाएँ अनेक भाव एक विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डाइट प्राचार्य चंद्रशेखर जोशी ने की तथा मुख्य अतिथि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उपनिदेशक गौरीकान्त शर्मा थे।
मुख्य अतिथि गौरी कांत शर्मा ने कहा कि महाकवि सुब्रमण्यम भारती सांस्कृतिक एकता के पुरोधा तथा भारतीय एकात्मवाद के सच्चे देश भक्त थे। उनकी प्रतिभा हम सब के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाली है। मुख्य वक्ता हरिदत्त शर्मा ने कहा कि महाकवि सुब्रमण्यम भारती न केवल एक उत्कृष्ट साहित्यकार थे बल्कि वे बहुत बड़े समाज सुधारक के रूप में भी याद किए जाते हैं पत्रकारिता, कविता, गीत, जनजाति तथा स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका स्वर्णाक्षरों में अंकित करने योग्य है। अध्यक्ष चन्द्रशेखर जोशी ने सुब्रमण्यम भारती को सच्चा देशभक्त तथा उनके कार्या को अनुकरणीय बताया। उपाचार्य डॉ. ओम प्रकाश शर्मा ने ऐसे आयोजन की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा गतिविधियों में महाकवि के योगदान सराहा। शिक्षाविद श्री देवीलाल ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सुब्रमण्यम भारती बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उन्होंने अल्प जीवन काल में ही भारतीय जन मानस को प्रभावित किया तथा भाषाई एकता के जीवंत उदाहरण सामने रखें।
प्रभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम प्रभारी डॉ. जगदीश कुमावत ने इस अवसर पर एक भारत श्रेष्ठ-भारत विषय से संबंधित जिले के विभिन्न विद्यालयों में आयोजित श्रेष्ठ गतिविधियों की ऑडियो विजुअल प्रस्तुति दी तथा 75 दिवसीय भाषाई विविधता से संबंधित दस्तावेज आयोजन में प्रस्तुत किए। भारत भर में विविध भाषाओं के 75 दिवसीय जयन्ति कार्यक्रम का आज उत्सव रूप में भव्य समापन किया गया। छात्राध्यापक संदीप रावल ने भारती जी रचित कविता का पाठ किया। डाइट के विभिन्न प्रभागों कें प्रभागाध्यक्ष, प्रभारी, बीनाकुंवर राजपुत, तरूण शर्मा, स्नेहलता अग्रवाल, सुनिता यादव, कल्पना दिक्षित, कल्पना जैन, नीता साँखला के अतिरिक्त प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र अध्यापकों तथा जनसामान्य ने कार्यक्रम में बढ़चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार एवं रंगकर्मी चेतन औदिच्य ने किया एवं आभार प्रभागाध्यक्ष डॉ. मृदुला तिवारी न जताया।