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“ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनेलोजी एवं प्राकृत भवन” का भव्य लोकार्पण समारोह 17 मई को

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16 May 25
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“ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनेलोजी एवं प्राकृत भवन” का भव्य लोकार्पण समारोह 17 मई को

उदयपुर। श्री दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा, मुंबई द्वारा मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग में निर्मित ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनेलोजी एवं प्राकृत भवन के प्रथम चरण का भव्य लोकार्पण समारोह 17 मई को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित किया जा रहा है।
महासभा के अध्यक्ष जमनालाल हपावत ने बताया कि इस अवसर पर 17 मई को आहार के पश्चात पूज्य आचार्य सुनीलसागर महाराज, आचार्य पुण्यसागर महाराज, मुनि अपूर्वसागर एवं मुनि अर्पितसागर  ससंघ का मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर में मंगल प्रवेश होगा।
दोपहर 3 बजे, सामायिक के उपरांत ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनेलोजी एवं प्राकृत भवन के विभिन्न खंडों का लोकार्पण व शिलान्यास आचार्य श्री ससंघ के पावन सान्निध्य में संपन्न होगा।
उन्होंने बताया कि प्रथम वर्धमान सभामंडप का लोकार्पण पंजाब के राज्यपाल महामहिम गुलाबचंद कटारिया द्वारा किया जाएगा। उन्होंने इस सभामंडप का निर्माण अपनी विधायक निधि से नेता प्रतिपक्ष रहते हुए करवाया था। प्राकृत कक्षा का निर्माण जम्बूप्रसाद जैन (गाजियाबाद) द्वारा किया गया है, जिसका लोकार्पण वे स्वयं आचार्य श्री के सान्निध्य में करेंगे। कीर्ति स्तंभ का शिलान्यास प्रदीप जैन द्वारा किया जाएगा। प्रथम तल के कक्षा-कक्षों का निर्माण प्रदीप जैन (मामा जी) के सौजन्य से प्रस्तावित है, जिनका शिलान्यास उनके कर-कमलों से होगा। पाण्डुलिपि हॉल का निर्माण स्व. निर्मल कुमार सेठी के सुपुत्र धर्मेन्द्र सेठी से प्रेरित होकर किया गया है। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा करेंगी।
इस अवसर पर प्रदीप जैन,अशोक पाटनी,जम्बूप्रसाद जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। समारोह में महामहिम कटारिया का विशेष उद्बोधन, अन्य श्रेष्ठियों के प्रेरक विचार, एवं अंत में पूज्य आचार्य श्री का मंगल आशीर्वचन होगा। साथ ही पुण्यार्जकों एवं अतिथियों का विशेष स्वागत एवं सम्मान भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण श्री मुकेश गोटी, अशोक कुमार शाह, वीरेन्द्र धन्नावत, भंवरलाल मुण्डलिया, डॉ. ज्योति बाबू जैन एवं सुमतिलाल दुदावत द्वारा किया गया। आयोजन की सभी तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं। यह आयोजन जैन समाज की सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं आध्यात्मिक धरोहर को समर्पित एक ऐतिहासिक क्षण सिद्ध होगा।

 


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