घटिया बीज व कीटनाशक के मामलों में न्यायालय से सजा दिलवाई गई
उदयपुर। घटिया या निम्न गुणवत्ता वाले बीजों और कीटनाशकों के कारण किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। घटिया या निम्न-गुणवत्ता वाले कीटनाशकों के निर्माण, बिक्री या अवैध आयात में शामिल फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और कई के खिलाफ न्यायालय द्वारा भी फैसले दिए गए हैं।
सांसद डॉ मन्नालाल रावत द्वारा संसद में पूछे गए प्रश्न पर कृषि और किसान कल्याण मंत्री रामनाथ ठाकुर ने यह जानकारी दी।
सांसद डॉ रावत ने घटिया या निम्न गुणवत्ता वाले बीजों और कीटनाशकों के कारण किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम, घटिया बीजों या कीटनाशक के निर्माण, विपणन या बिक्री के विरुद्ध अब तक की गई कानूनी कार्रवाई, विनियमों को और अधिक सख्त एवं प्रभावी बनाने के लिए प्रस्तावित नीति, बीजों और कीटनाशकों की गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं को अपडेट या विस्तार की योजना व इस संबंध में नवीनतम आंकड़ों को लेकर संसद में प्रश्न पूछे थे।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि किसानों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए गुणवत्तापूर्ण बीजों और कीटनाशकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बीज अधिनियम, 1966, बीज नियम, 1968, बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983, कीटनाशक अधिनियम, 1968 और कीटनाशक नियम, 1971 आदि में विभिन्न प्रावधान उपलब्ध हैं। बीजों और कीटनाशकों का कोई सेंपल घटिया पाया जाता है तो बीजों और कीटनाशकों से संबंधित अधिनियमों और नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
प्रभावी निगरानी के लिए साथी पोर्टल का शुभारंभ
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने संपूर्ण बीज उत्पादन और वितरण प्रणाली की प्रभावी निगरानी और पारदर्शिता के लिए न्यूक्लियस बीजों से प्रमाणित बीजों तक ट्रेसेबिलिटी और संपूर्ण बीज श्रृंखला सुनिश्चित करने के लिए बीज प्रमाणीकरण, ट्रेसेबिलिटी और समग्र सूची (साथी) पोर्टल का शुभारंभ किया है।
कीटनाशकों के परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित
केंद्रीय मंत्री ने संसद में बताया कि नियामक प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए राज्य बीज प्रमाणन एजेंसियों (एसएससीए) और बीज परीक्षण प्रयोगशालाओं (एसटीएल) की एक श्रृंखला स्थापित की गई है। देश में वर्तमान में बीजों के प्रमाणीकरण के लिए 25 एसएससीए और बीजों के परीक्षण के लिए 178 अधिसूचित एसटीएल कार्यरत हैं। इसी प्रकार कीटनाशकों के परीक्षण के लिए देश में 70 राज्य कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाएं (एसपीटीएल) और कानपुर तथा चंडीगढ़ में 2 क्षेत्रीय कीटनाशक परीक्षण प्रयोगशालाएं (आरपीटीएल) स्थापित की गई है।
कुल 3, 94,150 बीज सेंपल, 16,146 सेंपल घटिया पाए गए
केंद्रीय मंत्री ने जवाब में बताया कि वर्ष 2024-25 और चालू वर्ष के दौरान कुल 3 लाख 94 हजार 150 बीज सेंपल लिए गए और इनमें 16 हजार 146 सेंपल घटिया पाए गए। इस पर 9 हजार 598 की बिक्री रोकने के आदेश जारी किए गए। 181 मामले जब्त किए गए तथा 1 हजार 968 मामले न्यायालय में दर्ज किए गए। न्यायालय द्वारा 249 मामलों का निर्णय किया गया और 1,675 मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।
85,718 कीटनाशकों के सेंपल, 2,362 सेंपल गलत ब्रांड वाले
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुल 85,718 कीटनाशकों के सेंपल का विश्लेषण किया गया और 2,362 सेंपल गलत ब्रांड वाले पाए गए। घटिया या निम्न-गुणवत्ता वाले कीटनाशकों के निर्माण, बिक्री या अवैध आयात में शामिल फर्मों के खिलाफ 822 अभियोजन मामले दर्ज किए गए और वर्ष 2024-25 के दौरान न्यायालय द्वारा 145 मामलों में दोषसिद्धि पाया गया है।
नया बीज अधिनियम लाने का मसौदा प्रस्तुत
केंद्रीय मंत्री के अनुसार प्रावधानों को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने के लिए नया बीज अधिनियम लाने जनता व स्टेकहोल्डरों के परामर्श के लिए बीज विधेयक, 2025 का मसौदा प्रस्तुत किया गया है।
गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के अपडेट के लिए प्रयास
भारत सरकार राज्यों व केन्द्रीय शासित प्रदेशों और कार्यान्वयन एजेंसियों को गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था जैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (एनएफएसएनएम) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) आदि के तहत नई परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना, मौजूदा परीक्षण प्रयोगशाला का उन्नयन, बीज स्वास्थ्य प्रयोगशाला, डीएनए फिंगर प्रिंटिंग प्रयोगशाला आदि को सुदृढ़ करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। भारत सरकार विभिन्न स्टेकहोल्डरों के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है