उदयपुर, विभाजन हमारी देश की स्वतंत्रता के साथ जुड़ा हुआ एक कभी न भुलाया जा सकने वाला दुखद अध्याय है। इस चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से हम उस समय की त्रासदी की मार्मिकता और भीषणता का अनुमान लगा सकते हैं। इससे हमें और नयी पीढ़ी को यह जानकारी मिलती है कि आज हम जिस स्वतंत्रता का उपभोग कर रहे हैं, वह कितनी मुश्किल से हमें हासिल हुई है और उसे हर तरह से सुरक्षित रखना कितना जरूरी है। यह विचार राज्यसभा सदस्य श्री चुन्नी लाल गरासिया ने व्यक्त किए । वे केंद्रीय संचार ब्यूरो, क्षेत्रीय कार्यालय, उदयपुर की ओर से विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय उदयपुर के सभागार में आयोजित दो-दिवसीय चित्र प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर बोल रही थे ।
इस अवसर पर सुचना केंद्र के सयुक्त निदेशक कमलेश शर्मा ने कहा कि इतिहास को याद करना इसलिए जरूरी होता है कि हम अतीत में की गई अपनी गलतियों को ना न दोहराएँ । उन्होंने कहा की इस प्रदर्शनी के अवलोकन करने पर यह जान पाएंगे कि देश की स्वतन्त्रता के लिए चुकाए गये मूल्यो को जान और समझ सकेंगे ।
प्रारम्भ में सहायक निदेशक रामेश्वर लाल मीणा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 को प्रति वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाये जाने की घोषणा की गई थी । उन्होंने कहा की यह प्रदर्शनी अंग्रेजों द्वारा अपने स्वार्थवश किए गए विचारहीन विभाजन और उसके कारण बने दो देशों के बीच हुए लाखों लोगों के विस्थापन की कहानी को बया करती है ।
उन्होने कहा की इस प्रदर्शनी का उददेश्य भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरानलोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाना है । दो दिन अनेक शिक्षण संस्थानों के छात्र / छात्राओ एवं यूथ /जनप्रतिनिधियों और आइसीडीएस की महिलाओ ने दो-दिवसीय चित्र प्रदर्शनी अवलोकन किया । इस दौरान अनेक प्रतियोगिताए भी आयोजित की गई सभी विजेताओ को अतिथियो द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इस अवसर पर महाविधालय के प्रिसिपल दीपक माहेश्वरी ने कहा की देश की एकता अखंडता को बनाये रखने के लिए भारत के हर नागरिक को अपनी भागीदारी निभानी होगी । प्रदर्शनी के समापन समारोह का संचालन सरोज कुमार ने किया एवं आभार एन.एस.एस कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर डॉक्टर किरण मीणा ने किया । राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के सभागार में लगाई गई विभाजन की विभीषिका पर दो दिवसीय प्रदर्शनी का राष्ट्रगान के साथ समापन हुआ ।