इंग्लिश नववर्ष 2026 के जश्न को लेकर राजधानी जयपुर सहित पूरे राजस्थान में पर्यटकों का सैलाब उमड़ पड़ा है। पर्यटकों का उत्साह अपनी चरम पर है। शीतकालीन और क्रिसमस अवकाश के चलते देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी राजस्थान की प्रमुख पर्यटन नगरों की ओर अपना रुख कर रहे हैं। विश्व प्रसिद्ध ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स शाही रेलगाड़ी में भी नए वर्ष पर ट्रेन फूल है। न्यू ईयर को लेकर प्रदेश के सभी पर्यटक स्थलों पर डांस, डीजे और अन्य मनोरंजन कार्यक्रमों की श्रृंखला तैयार की जा रही है। पर्यटकों की भारी आवाजाही को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पर्यटन विभाग, वन विभाग, पुरातत्व विभाग,टूरिस्ट हेल्प फोर्स और होमगार्ड्स, यातायात पुलिस आदि पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए हैं।
प्रदेश की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर, राज्य के दूसरे सबसे बड़े शहर सूर्यनगरी जोधपुर,स्वर्ण नगरी जैसलमेर, झीलों की नगरी उदयपुर, प्रताप की नगरी चित्तौड़गढ़, हिल्स नगरी डूंगरपुर और बांसवाड़ा,ब्रह्मा नगरी पुष्कर, ऐतिहासिक नगरी अजमेर, बीकाणा नगरी बीकानेर, ब्लेक डियर सेंचुरी के प्रसिद्ध चूरू,चम्बल किनारे सेवन वंडर्स के लिए मशहूर हो रही शिक्षा नगरी कोटा, अपनी हवेलियों के लिए जग प्रसिद्ध शेखावाटी अंचल, बर्ड सेंचुरी के लिए यूनिस्को हेरिटेज सूची में शामिल भरतपुर,प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू और बाघों की नगरी रणथंभौर एवं सरिस्का अलवर आदि के साथ राज्य के सभी धार्मिक स्थलों पर हर जगह पर्यटक ही नजर आ रहे हैं। प्रदेश के बजट और अधिकांश सितारा होटलों में स्थान नहीं मिल रहा तथा उनकी शत-प्रतिशत एडवांस बुकिंग की स्थिति बनी हुई है। श्रीनाथ जी की नगरी नाथद्वारा,मेवाड़ के सांवरिया सेठ मंदिर और माउंट आबू में गुजराती पर्यटकों तथा मेंहदीपुर बालाजी, खाटूं श्याम जी,सालासर हनुमान जी तथा ब्रज चौरासी परिक्रमा मार्ग आदि में पूरे भारत से सैलानियों का अपार सैलाब उमड़ रहा है। पर्यटन विभाग के अनुसार होटल ऑक्यूपेंसी 90 प्रतिशत से अधिक पहुंच चुकी है। विभाग के अनुसार प्रदेश में हेरिटेज वॉक, लाइट एंड साउंड शो और गाइडेड टूर की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। विदेशी पर्यटक राजस्थानी संस्कृति, लोक कला और मंदिर वास्तुकला से खासे प्रभावित नजर आ रहे हैं । राज्य में हेरिटेज और धार्मिक पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। राज्य के मंदिर परिसरों में सफाई और व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पर्यटकों की जोरदार आवक से जयपुर सहित अन्य सभी पर्यटन स्थलों पर भीषण जाम की स्थिति बनी हुई है। राजधानी जयपुरके परकोटा क्षेत्र में त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, चांदी की टकसाल, सुभाष चौक, जल महल और आमेर रोड पर लगातार पर्यटक वाहनों की आवाजाही जारी है। जयपुर के ऐतिहासिक स्मारकों में पर्यटकों की रिकॉर्ड भीड़ देखी जा रही है। हवा महल और जंतर-मंतर पूरी तरह फुल हैं। आमेर, जयगढ़ और नाहरगढ़ किलों में सुबह से ही पर्यटकों का तांता लगा हुआ है. अल्बर्ट हॉल और ईसरलाट में देशी-विदेशी पर्यटकों की भारी आवाजाही बनी हुई है। जयपुर में नाहरगढ़, कूकस और ढूंढ की पहाड़ियों पर अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। पहाड़ों और जंगलों में हॉलिडे टूरिज्म की धूम है। इस महीने में प्रदेश में सर्वाधिक पर्यटक नजर आ रहे हैं। जयपुर के ऐतिहासिक नाहरगढ़, जयगढ़, आमेर किला, बायोलॉजिकल पार्क, जंतर-मंतर, हवा महल, जल महल, कानोता बांध, भूतेश्वर महादेव, झालाना लेपर्ड रिजर्व और कनक घाटी सहित सभी पर्यटन स्थलों पर रौनक बनी हुई है। जयपुर के धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं का सैलाब देखने लायक है।आमेर शिला माता मंदिर, गलता जी, श्री खोले के हनुमान जी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। जल महल क्षेत्र में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। जयपुर अब तेजी से कल्चर और स्पिरिचुअल टूरिज्म हब के रूप में उभरता नजर आ रहा है। बताते है कि अकेली राजधानी जयपुर में ही एक लाख से अधिक पर्यटक मौजूद है जिन्हें संभालने एवं यातायात को सुचारु रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस,पर्यटक सहायता बल और होमगार्ड्स के जवान लगातार मशक्कत कर रहे हैं।