उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में बाल एवं नवजात शिशु सर्जरी विभाग के चिकित्सको ने एक 12 वर्षीय बच्चे का सफल जटिल ऑपरेशन कर नया जीवन दिया। अस्पताल की कुशल चिकित्सा टीम ने लगभग असंभव लगने वाली इस स्थिति में भी अद्वितीय टीमवर्क और त्वरित कार्रवाई से बच्चे की जान बचाने में सफलता प्राप्त की। इस जटिल सर्जरी में बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर के साथ ऐनेस्थीसिया विभाग के डॉ.समीर गोयल, डॉ.विजय, डॉ.के.जी., डॉ.इशिता एवं सहयोगी टीम में सुभाष, विष्णू, फूलशंकर, विवेक एवं लीला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
दरअसल मदार निवासी 12 वर्षीय बच्चे जीतेन्द्र के ऊपर से ट्रैक्टर का पहिया गुजर जाने से बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में बच्चे के फेफड़े, डायफ्राम, तिल्ली, आमाशय एवं छोटी आंत फट गईं। साथ ही बाएं गुर्दे की रक्त वाहिनियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं और बायां पैर (पॉव) भी बुरी तरह फट गया।
परिजन घायल बच्चे को तुरंत पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां आपातकालीन स्थिति को देखते हुए बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर ने बिना समय गंवाए बच्चे की जांच की और तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया।
पेसिफिक हॉस्पिटल के चेयरमेन राहुल अग्रवाल ने बताया कि बच्चे की स्थिति अब बिलकुल ठीक है और विशेषज्ञों की टीम उसके निरंतर स्वास्थ्य लाभ पर नजर बनाए हुए है। इस सफल ऑपरेशन ने एक बार फिर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं और विशेषज्ञता को प्रमाणित किया है।
बाल एवं नवजात शिशु सर्जन डॉ. प्रवीण झंवर ने बताया कि ऐसे मामलों में पहला एक घंटा अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि बच्चे को लाने में थोड़ी भी देरी हो जाती, तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो सकता था।
डॉ.झंवर ने बताया कि समय पर उपचार मिलने से बच्चे के महत्वपूर्ण अंगों के नुकसान को नियंत्रित किया जा सका। ऑपरेशन के दौरान फटे हुए फेफड़े और डायफ्राम की मरम्मत की गई,क्षतिग्रस्त तिल्ली को हटाया गया,आंतों की सिलाई की गई तथा आंतरिक रक्तस्राव को रोका गया। साथ ही बाएं गुर्दे की चोटों को स्थिर किया गया और पैर के जख्मों की भी आपातकालीन सर्जरी की गई।
उन्होंने कहा कि बच्चे की उम्र कम होने से रिकवरी की संभावना अधिक होती है और निरंतर निगरानी एवं उचित उपचार से वह शीघ्र स्वस्थ हो सकेगा।
घायल बच्चे (जीतेन्द्र) के पिता अर्जुन सिंह ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने जीवन में भगवान के बारे में केवल सुना ही था, लेकिन आज उन्हें भगवान साक्षात दिखाई दे गए। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे का संपूर्ण उपचार पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में बिना किसी शुल्क के किया जा रहा है। इस मानवीय सहयोग के लिए उन्होंने मालिक राहुल अग्रवाल तथा चिकित्सकों की पूरी टीम का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस कठिन समय में पीएमसीएच उनके लिए देवदूत बनकर सामने आया है और मानवता की मिसाल पेश की ।