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वे ब्रिज आॅटोमेशन और वाहन ट्रेकिंग सिस्टम“पर तकनीकी वार्ता आयोजित

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26 Dec 25
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वे ब्रिज आॅटोमेशन और वाहन ट्रेकिंग सिस्टम“पर तकनीकी वार्ता आयोजित


उदयपुर। माईनिंग इंजिनियर्स एसोसिएशन आॅफ इण्डिया, राजस्थान चेप्टर, उदयपुर एवं उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वाधान में “वे ब्रिज आॅटोमेशन और वाहन ट्रेकिंग सिस्टम“ विषय पर आज एक तकनीकी वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में डाॅ हितांशु कौशल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए मुख्य वक्ता आसिफ एम अंसारी का सक्षिप्त परीचय प्रस्तुत किया।
माईनिंग इंजीनियर, उदयपुर एवं एमईएआई के सचिव आसिफ एम अंसारी ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुरूप राजस्थान सरकार का खान एवं भूविज्ञान विभाग खनिज क्षेत्र में पारदर्शिता, सुशासन और राजस्व संरक्षण को सुदृढ़ करने हेतु आधुनिक तकनीकों को अपनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। इसी क्रम में प्रमुख शासन  सचिव (खान)  टी रविकांत के मार्गदर्शन में राज्य में वे ब्रिज आॅटोमेशन और वाहन ट्रेकिंग सिस्टम एवं जीपीएस आधारित व्हाईकल ट्रेकिंग सिस्टम को चरणबद्ध रूप से लागू करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
इस तकनीक-सक्षम व्यवस्था के लागू होने से खनिज परिवहन में मानव हस्तक्षेप न्यूनतम होगा तथा ओवरलोडिंग, फर्जी ई-रवन्ना एवं अवैध खननध्परिवहन पर प्रभावी एवं सतत निगरानी सुनिश्चित की जा सकेगी।वे ब्रिज आॅटोमेशन के अंतर्गत आरएफआईडी, पोजिशन सेंसर, कैमरा, एलईडी डिस्प्ले, ट्रैफिक लाइट एवं ई-रवन्ना प्रणाली के एकीकृत उपयोग से वाहन का वजन, पहचान एवं दस्तावेज पूर्णतः स्वचालित प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किए जाएंगे।
प्रस्तावित प्रणाली में वाहन के प्रवेश से लेकर निकास तक की संपूर्ण प्रक्रिया डिजिटल रूप से रिकॉर्ड होगी। वाहन की तस्वीरें, वजन विवरण तथा ई-रवन्ना पास स्वतः जनरेट होकर स्टेट  डाटा सेन्टर में सुरक्षित रूप से संधारित रहेंगे, जिससे जवाबदेही, पारदर्शिता और राजस्व संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
जीपीएस आधारित व्हाईकल ट्रेकिंग सिस्टम  के माध्यम से खनिज परिवहन वाहनों की रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग संभव होगी। यह प्रणाली एनएवीआईसी या जीपीएस आधारित होगी तथा नेटवर्क बाधा की स्थिति में भी डेटा सुरक्षित रखने की क्षमता रखेगी, जिससे निगरानी व्यवस्था और अधिक प्रभावी बनेगी।
यह संपूर्ण पहल राज माइन्स एप्लीकेशन के साथ एपीआइ आधारित एकीकरण पर आधारित है तथा भविष्य में ड्रोन सर्वे, फेसलेस डिजिटलीकरण और कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम जैसी उन्नत पहलों के लिए एक सशक्त आधार प्रदान करेगी।
खान एवं भूविज्ञान विभाग का विश्वास है कि  मुख्यमंत्री के विजन एवं प्रमुख शासन सचिव (खान) के मार्गदर्शन में यह पहल राज्य के खनन क्षेत्र में तकनीक आधारित सुशासन का एक महत्वपूर्ण उदाहरण सिद्ध होगी।
इस अवसर पर उदयपुर चेम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्री के अध्यक्ष मनीष गलुडिया ने सभी अतिथियों का स्वागत किया ने उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि यूसीसीआई विगत कई दशकों से उद्योग, व्यापार एवं खनन क्षेत्र के समग्र विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है। यूसीसीआई द्वारा समय-समय पर तकनीकी सेमिनार, कार्यशालाएँ, उद्योग संवाद, नीति संबंधी सुझाव एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे उद्यमियों एवं उद्योग जगत को नवीन जानकारियाँ प्राप्त हो सकें।
यूसीसीआई की माईनिंग सब कमेटी के चेयरमैन एम.एल. लूणावत ने अपने सम्बोधन में बताया कि अधिकांश माईन्स दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थित हैं। इन क्षेत्रों में इन्टरनेट कनेक्टिविटी, वे ब्रिज की स्थापना आदि कई व्यवहारिक समस्याएं हैं। श्री लुणावत ने इस प्रक्रिया कोे आगामी तीन माह तक प्रायोगिक स्तर पर संचालित की जाने का सुझाव दिया
खान एवं भूविज्ञान विभाग की सुचना प्रोद्योगिकी सैल की अतिरिक्त निदेशक श्रीमति शीतल अग्रवाल ने प्रशनकाल के दौरान प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया।  इसमें विभिन्न खनन अभियन्ता, माईनिंग इंजिनियर्स एसोसिएशन के सदस्य, युसीसीआई के विभिन्न उधोगपतियों व अन्य प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डाँ.हितांशु कौशल, सयुक्त सचिव, एमईएआई, उदयपुर द्वारा किया गया। 

 


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