बांसवाड़ा/ विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, सुविख्यात चिन्तक पद्मश्री सुश्री निवेदिता भिडे ने सामाजिक उत्थान एवं राष्ट्रीय चिन्तन को प्राथमिकता देते हुए अपनी शक्ति और सामर्थ्य के अनुरूप सेवाव्रत को आकार देने का आह्वान किया है। ‘
उन्होंने ‘यह समाज मेरा अपना है’’ विषय पर केन्द्रित व्याख्यान में समाज और राष्ट्र की विभिन्न स्थितियों का सटीक चित्रण करते हुए जागरुकता संचार और प्राण-प्रण से जुटने के लिए जरूरी कारकों पर विस्तार से चर्चा की।
बांसवाड़ा शहर स्थित अंकुर स्कूल में बड़ा रामद्वारा के संत श्री रामप्रकाश रामस्नेही महाराज की अध्यक्षता में आयोजित विमर्श कार्यक्रम एवं प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जीवन में हर क्षण जीवों के मंगल और जगत के सर्वतोभावेन कल्याण के लिए समर्पित रहकर कार्य करना मनुष्य का कर्त्तव्य है। इसे पूरा करने के लिए सभी को सदैव तत्पर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और परम्पराओं का अनुपालन करते हुए आध्यात्मिक चिन्तन को सामने रखकर अपने विकास के साथ ही समाज, क्षेत्र और देश-दुनिया के उत्थान का लक्ष्य लेकर सभी को अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार जुटने की आवश्यकता है। और यह कार्य सेवाव्रत की निष्काम भावना से करना चाहिए।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य नागरिकों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और प्रबुद्धजनों को संबोधित करते हुए उन्होंने विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की गतिविधियों की जानकारी देते हुए इन सेवा कार्यों से जुड़ने का आह्वान किया।