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नए साल की धमाल, से दूर सनातन संस्कृति का कमाल

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30 Dec 25
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नए साल की धमाल, से दूर सनातन संस्कृति का कमाल

बुधवार को हर श्रद्धालु घर ले जाएंगे कष्ट निवारण शिव कृपा कवच डोरा, स्वतः प्रज्ज्वलित होंगे लाखों दीप
उदयपुर। एक तरफ थर्टी फर्स्ट और न्यू ईयर के पाश्चात्य जश्न की धमाल चल रही है, तो दूसरी तरफ नई पीढ़ी और जनसामान्य को सनातन के अनूठे, अद्वितीय भव्य धर्म समागम ने आकर्षित किया है। मीरा नगर में मैग्नस हॉस्पिटल के पास विशाल प्रांगण में कृष्णगिरी धाम पीठाधीश्वर पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने भारत की पुरातन सनातन संस्कृति के प्रति पुनर्जागरण और जन-जन की सुख समृद्धि के लिए अद्भुत धर्मोत्सव का आयोजन 5 जनवरी तक चलेगा।




महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष नानालाल बया, महामंत्री देवेन्द्र मेहता ने बताया कि महामहोत्सव के द्वितीय दिवस रात्रिकालीन श्री एकलिंगनाथ शिव महापुराण कथा का श्रवण कराते गुरुदेव ने युवाओं को संदेश दिया कि दुनिया थर्टी फर्स्ट और न्यू ईयर के जश्न में डूब रही है। ऐसे में भारत की युवा शक्ति भले ही नया साल मनाये लेकिन पार्टी, डिस्को की बजाय हमारी सर्वशक्तिमान सनातन संस्कृति के साथ आनन्द का आदान प्रदान करें। महामहोत्सव में जो साल के अंत और नए साल के आरंभ में कथा, साधना, यज्ञ महोत्सव में उपस्थित हो रहे हैं वे पूण्यशाली हैं। गौरतलब है कि महामहोत्सव में दिनोंदिन श्रद्धालुओं का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।




कथा में गुरुदेव ने भगवान शिव के विभिन्न नाम और रूपों का वर्णन किया। आपने मृदंडी ऋषि, उनके संतान प्राप्ति और शिव नाम की महिमा के दुर्लभ प्रसंग का वर्णन सविस्तार बताया। आपने कहा कि हमेशा सकारात्मक सोचें और सकारात्मक बोलें। क्योंकि जिस घर मे आप रहते हैं वहां पूर्वज विचरण करते हैं। वे सदैव आपके साथ होते हैं। पूर्वज हमेशा चाहते हैं कि उनकी अगली पीढ़ियों को कभी पीड़ा न हो। इसलिए वे हमेशा आपको तथास्तु का आशीर्वाद देते हैं। यदि आप सोचते खूब काम करते हैं फिर भी घर का काम अधूरा रह जाता है, दुख है, घर मे परेशानी बनी रहती है। कितना ही करें बीमारी जाती नहीं, तो ऐसे में पूर्वजों से आपकी हर भावना पर तथास्तु का ही आशीर्वाद मिलेगा। इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचें जैसे मेरा हर काम हो रहा है। धन समृद्धि बरस रही है। मैं या मेरा परिवार ईश्वर कृपा से हमेशा स्वस्थ रहते हैं और रहेंगे। इससे आपके जीवन मे खुदबखुद सकारात्मक परिवर्तन महसूस करेंगे।  आपके परिवार के सदस्य के कारण आपको परेशानी है तो आपके कर्म और सोच से। इसलिए दुनिया को सुधारने की बजाय स्वयं की योग्यता में सुधार करें।
जगद्गुरु देव ने कहा कि भक्ति प्रयत्न करके करना चाहिए जबकि पाप फ्री में भी मिले तो न करें। जो ईश्वर को सर्वोपरि मानते हैं वे श्रेष्ठ हैं। आमतौर पर घरों में भगवान का स्थान बहुत छोटा आले में और खुद का कमरा भव्य होता है। यह अनुचित है। गुरुदेव ने बताया खुद के लिए नए वस्त्र जब भी खरीदें तो घर के भगवान देवी देवताओं के लिए भी नए वस्त्र लाकर अर्पित करें। इससे उनकी शुद्धता, स्वच्छता बनी रहेगी। यदि आप सोचते हैं कि जो तकदीर में लिखा है वही होगा तो फिर भगवान के मंदिर क्यों जाते हो। याद रखिये जो ज्योतिपुंज भगवान शिव का भक्त है वह तकदीर भी बदल सकता है। कथा में जगद्गुरु श्री वसंत विजयानन्द गिरीजी महाराज के श्रीमुख से गूंजे कर्णप्रिय भजनों पर श्रद्धालु मुग्ध होकर जमकर थिरके।
31 दिसंबर को उदयपुर की धरा पर रचेगा अनूठा इतिहास-
श्री महालक्ष्मी कोटि कुंकुमार्चन यज्ञ, पूजा साधना महामहोत्सव की आयोजन कार्यकारिणी समिति ने बताया कि 31 दिसम्बर की संध्या को सुविख्यात भजन गायक लखवीरसिंह लक्खा द्वारा कथा के दौरान शानदार भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके अलावा सभी भक्तों को कथा में 1 मीटर का लाल डोरा लाने को कहा गया है। गुरुदेव एक-एक कर मंत्र बोलते जाएंगे और श्रद्धालु अपने डोरे में एक–एक गांठ लगाते जाएंगे। ऐसे 27 दुर्लभ मंत्रों से गुरुदेव डोरे को अभिमंत्रित करेंगे। यह शिव कृपा डोरा समृद्धि कारक, कष्ट, भय निवारक, कार्य साधक  कवच होगा।
नए वर्ष के स्वागत में स्वतः प्रज्ज्वलित होंगे लाखों दीपक–
जगद्गुरु पूज्यपाद श्री वसंत विजयानन्द गिरी जी महाराज ने कथा में आने वालों और उदयपुर के उदयपुर के श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि घरों में उपस्थित रिश्तेदारों, परिचितों को बताएं कि 31 दिसंबर की रात्रि 12 बजे के पहले घर के देवस्थान पर एक दीपक रखें, उसमें घी के साथ बाती बिना जलाये रख दें। विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों को भी ऐसा करने को कहें। जैसे ही रात 12 बजेंगे, गुरुदेव कथा स्थल से मंत्र बोलेंगे और उन घरों में स्वतः दीपक प्रज्ज्वलित हो उठेंगे। वातावरण सुगंधित हो उठेगा। अलग-अलग खुशबू महकेगी। इस तरह लाखों दीपक नए साल में समृद्धि के प्रकाश से उल्लास फेलायेंगे।

 

 


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