उदयपुर : विद्यार्थी काल में पत्र पत्रिकाओं में लेखन, संपादन तथा प्रकाशन जीवन में आत्मविश्वास, संवाद कौशल तथा नेतृत्व क्षमता को बढ़ाते है। यह एक प्रकार की इनर इंजीनियरिंग है।
यह विचार राजस्थान के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ वेंकटेश शर्मा ने सोमवार को विद्या भवन पॉलिटेक्निक की वार्षिक पत्रिका "नवदृष्टि" के विमोचन समारोह में व्यक्त किए।
शिक्षाविद तथा विद्या भवन बोर्ड सदस्या पुष्पा शर्मा ने
विद्यार्थियों की रचनात्मकता की सराहना को । उन्होंने कहा कि
इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों में यदि साहित्य पठन तथा आलेख सृजन के गुण विकसित हो जाए तो है तो यह गुण जीवन पर साथ चलते हैं । इससे इंजीनियरिंग कार्यों के उत्कृष्ट क्रियान्वयन में भी मदद मिलती है।
मानद सचिव गोपाल बंब ने कहा कि लेखक, संपादक, साहित्यकार इत्यादि की नींव शिक्षण संस्थानों में ही निर्मित होती है।
पूर्व विभागाध्यक्ष जयकांत दवे ने डिप्लोमा इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को जीवन में हर परिस्थिति में नवदृष्टि रखने की सलाह दी।
प्रारंभ में प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि लेखन संवेदनशीलता को बढ़ाकर उत्तम नागरिक गुणों को विकसित करता है।
मुख्य संपादक डॉ. सोनू हीरावत ने पत्रिका के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
विद्यार्थी संपादक रक्षित और सुमेधा ने अपने अनुभव साझा किए