उदयपुर। सृजन द स्पार्क,हिन्दुस्तान जिंक की ओर से भारतीय लोक कला मण्डल में आयोजित इण्डियन आइडल फेम पियूष पंवार नाईट में सदाबहार नगमांे की जमी सुरमयी शाम में उपस्थित दर्शकों की सर्दी उड़ा दी। पियूष पंवार के साथ भव्या पण्डित की सुरीली आवाज ने शाम में चार चंाद लगा दिये।

पीयूष पंवार ने भव्या पण्डित के साथ युगल स्वर देते हुए दीवाना तेरा....,मितवा...दर्द ए दिल...इन लम्हों के दामन में..., तू है तो दिल धड़कता है..., अभी मुझ में कहीं....ऐ जिंदगी गले लगा.., मस्त बहारों का ़ ओ हसीना जुल्फोंवाली...., मेघा रे मेघा रे...., देवा देवा...ये दिल तुम बिन... जैसे अनेक गानों को अपना स्वर दिया तो लोक कला मण्डल का तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज से उठा। इसके अलावा दोनों गायकों ने सहाबहार नगमों के साथ देशभक्ति गीतों के साथ युवाओं की धड़कन बन चुके कुछ गीतों को दिये अपने स्वर से दर्शकों में जोश भर दिया। पंवार व पण्डित ने पत्ता पत्ता बूटा बूटा....,पल पल दिल के पास...,तुम क्या मिलें....,उर्वसी ़ हम्मा हम्मा.....सतरंगी रे......,ये दिल दीवाना.....बाॅर्डर फिल्म का संदेशे आते हैं....,दिल को तुमसे प्यार हुआ....ये रेशमी जुल्फें.....फिर मिलेंगे चलते चलते.....,स्लो मोशन एंग्रेजा....बदतमीज दिल....,तुमसे मिलके दिल का...,किन्ना सोना तैनु...मेरे रश्क ए कमर....ऐन्वैयी ऐन्वैयी.... जैसे गीतों की प्रस्तुति दी।
पीयूष पंवार ने किशोर कुमार सहित अन्य गायकों द्वारा गाये मेडले गीतों तूने मारी एंट्रियां....,देखा जो तुझे यार....,ततड़ तत-तड़....,मल्हारी....सावन में लग गई....,मैं करदी रब रब....,बिजुरिया....लंदन ठुमकदा.... जैसे गीतों को अपना स्वर दे कर इस शाम को यादगार बना दिया।
इससे पूर्व प्रतिवर्ष की भंाति इस वर्ष भी लाईफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड के अलावा 6 कला प्रेरक अवार्ड प्रदान दिये गये। जिसमें पद्मश्री आनन्द मणि को हिन्दुस्तान जिंक सृजन लाईफ टाईम अचीवमेन्ट अवार्ड,सृजन अमीर खुसरो अवार्ड से बाॅलीवुड के प्रख्यात कहानीकार एवं गीतकार आलोक श्रीवास्तव, सृजन खेमचन्द प्रकाश अवार्ड से सेनिया घराना के टाॅर्चबियरर कोटा के डाॅ.रोशन भारती,सृजन नन्दलाल बोस अवार्ड से मुबंई की पत्रकार सौम्या वाजपेयी,सृजन मास्टर मदन अवार्ड टीवी एवं फिल्म कलाकार मनोहर तेली,सृजन आंेकारनाथ ठाकुर अवार्ड जयपुर के शेपिंग इंडिया के सीए अनिल खण्डेलवाल तथा सृजन बी.डी.पलुसकर अवार्ड मुबंई के मेहता ग्रुप के चेयरमैन सीए राकेश मेहता को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर पद्मश्री आनन्द मणि ने ड्रम बजा कर सभी को आनन्दित कर दिया। मनोहर तेली ने कवि रामधारी सिंह दिनकर की कृष्ण-दुर्योधन संवाद की कुछ पंक्तियंा सुनाकर तालियों की दाद पायी। आलोक श्रीवास्तव ने शिवतांडव स्त्रोत का वाचन किया। अमीर खुसरो के कुछ मिसरे पेश किये। मींरा के चित्त व चिंतन का भी कविता के माध्यम से उल्लेख किया।

इस अवसर पर संस्था के पूर्वाध्यक्ष श्याम एस. सिंघवी ने सृजन द स्पार्क की स्थापना से ले कर अब की संगीत की यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि सृजन संस्था सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करती है वरन् कलाकारों को बेहतर मंच भी प्रदान करती है। यहीं कारण है कि सृजन संगीत एकडेमी का निर्माण कर रहा है ताकि देश-विदेश के कलाकार यहंा कर भारतीय संगीत की शिक्षा ग्रहण कर सकें और अपनी प्रतिभा को निखार सकें।
कार्यक्रम में संरक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा,एपेक्स अध्यक्ष राजेश खमेसरा,एपेक्स महासचिव अब्बास अली बन्दुकवाला, सृजन द स्पार्क के सचिव राजेन्द्र भण्डारी, कोषाध्यक्ष सीए प्रकाश लोढ़ा, जी.आर.लोढ़ा,भूपेन्द्र श्रीमाली,ब्रजेश सोनी,उमेश मनवानी,पी.एस.तलेसरा,हिमांशु चैधरी,करण अग्रवाल, अंशुल शर्मा,किशोर पाहुजा सहित अनेक सदस्य एवं हिन्दुस्तान जिंक की सीएसआर हेड वेदान्ता अनुपम निधि,हिन्दुस्तान जिंक के सीएचआरओ मुनीष वासुदेवा मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन ब्रजेन्द्र सेठ ने किया। अंत में आभार सृजन ब्रजेश सोनी ने ज्ञापित किया।