उदयपुर। BN विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में आज छात्राओं द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका “मोबाइल और मौत” ने उपस्थित विद्यार्थियों को गहराई से झकझोर दिया। नशा मुक्ति अभियान से जुड़े वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पी.सी. जैन के निर्देशन में तैयार इस नाटिका ने मोबाइल की लत और पारिवारिक संवेदनाओं की अनदेखी को बेहद मार्मिक ढंग से उजागर किया।

नाटिका में दर्शाया गया कि घर आने पर दादी अपने पोता-पोती से मिलने को उत्सुक होती हैं, पर दोनों बच्चे मोबाइल में वीडियो गेम और रील्स देखने में इतने मग्न रहते हैं कि दादी की तबीयत बिगड़ने पर भी उनकी पीड़ा को नहीं समझ पाते। छाती में तीव्र दर्द से परेशान दादी बा
र-बार बच्चों को संकेत देने का प्रयास करती हैं, पर मोबाइल की व्यस्तता उन्हें अंधा बना देती है। अंततः दादी की मृत्यु हो जाती है।
घर लौटकर बेटा और बहू जब यह दुखद दृश्य देखते हैं, तो बच्चों को डांटते हुए कहते हैं— “तुम्हारी अनदेखी ने आज हमारी मां और तुम्हारी दादी को हमसे छीन लिया।” पश्चाताप से भरे बच्चे संकल्प लेते हैं कि अब वे मोबाइल का दुरुपयोग नहीं करेंगे और परिवार को प्राथमिकता देंगे।
इसके बाद डॉ. जैन ने शराब, अफीम, तंबाकू जैसी नशे की आदतें छुड़ाने में 6D तकनीक के उपयोग के बारे में जानकारी दी। छात्राओं ने उपस्थित विद्यार्थियों को ऊर्जा और जागरूकता से भरते हुए प्रभावी नारे लगाए—
“स्क्रीन का टाइम बढ़ाओ, जीवन का टाइम घटाओ।” — भूमि बिलोलिया
“हम सबका हो एक ही नारा, नशामुक्त जीवन हो हमारा।” — दीक्षा राठौड़
“नशे की आदत छोड़ो, खुशी जीवन से नाता जोड़ो।” — काव्या पुरबिया
“मोबाइल को करो कम, जीवन को बनाओ सुंदरतम।” — भूमिका व्यास
“शराब की लत छोड़ो, अपने सपनों की आदत डालो।” — गार्गी
परोक्त सभी छात्राओं ने नाटिका में भी उत्कृष्ट अभिनय किया, जिससे संदेश और अधिक प्रभावी रूप में सामने आया।
कार्यक्रम में प्रो. शशि चित्तौड़ा ने स्वागत किया, डॉ. सीमा शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया और संचालन डॉ. खुशबू कुमावत ने किया। डॉ. नंदकिशोर शर्मा और डॉ. अजयपाल सिंह भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
यह लघु नाटिका केवल प्रस्तुति नहीं, बल्कि समाज में बढ़ रही मोबाइल लत और नशे की प्रवृत्ति के प्रति चेतना जगाने का महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध हुई।