दो दिवस पूर्व तालाब गांव,अनंतपुरा निवासी ट्रक ड्राइवर घनश्याम मेहरा की सुपुत्री चेतना मेहरा ने,अज्ञानतावश आत्महत्या की थी । घनश्याम ने बताया कि अगले माह ही, उसका विवाह होने वाला था, परंतु पता नहीं किस कारण से उसने आत्मकथा जैसा गलत कदम उठाया ।
समाचार पत्रों में आए दिन नेत्रदान की खबरों से प्रेरित होकर,पोस्टमार्टम रूम के ठीक बाहर ही, घनश्याम ने सोचा कि,थोड़े समय बाद में बेटी चेतना को अग्नि के हवाले कर दिया जाएगा, क्यों ना मैं इसकी आंखों का दान कर दूं, जिससे कम से कम दो दृष्टिहीनों की आंखों में मेरी बेटी जीवित तो रहेगी ।
घनश्याम में तुरंत अपनी पत्नी रेखा और बेटे बंटी से चेतना के नेत्रदान के लिए,सहमति लेने के बाद,मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में नेत्रदान करवाया ।
आज संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रयासों से अनंतपुरा पुलिस अधिकारी उपनिरीक्षक रोहित सिंह ने नेत्रदानी परिवार को घर जाकर प्रशस्ति पत्र देखकर सम्मानित किया तो,परिवार के सदस्य, नेत्रदान के कार्य की महिमा को सुनकर काफी भावुक हो गए ।
संस्था के डॉ कुलवंत गौड़ ने समाज के सदस्यों के बीच घनश्याम जी के परिवार का आभार व्यक्त करते हुए,नेत्रदान के बारे में जरूरी जानकारी दी । घनश्याम का कहना था कि, मैं जब तक जीवित हूं, बेटी के नेत्रदान के इस कार्य से प्रेरित होकर नेत्रदान अभियान को घर-घर पहुंचाने का प्रयास करूंगा ।