ठोस कचरा प्रबंधन समिति एवं स्पेशल टास्क फोर्स कमेटी की बैठक
उदयपुर। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के प्रकरण संख्या 606/2018 के अंतर्गत गठित स्पेशल टास्क फोर्स तथा ठोस कचरा निस्तारण समिति की बैठक बुधवार को जिला कलक्टर नमित मेहता के निर्देशन एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर जितेंद्र ओझा की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल शरद सक्सेना, स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक विनोद कुमार, सीएमएचओ डॉ अशोक आदित्य तथा विभिन्न नगर निकायों के अधिशासी अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में घर-घर कचरा संग्रहण, स्रोत पर गीले एवं सूखे कचरे का पृथकीकरण, पृथक परिवहन, एमआरएफ प्लांटों के प्रभावी संचालन, सार्वजनिक स्थानों की सफाई व्यवस्था और सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोकथाम की विस्तृत समीक्षा की गई। क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित सिंगल यूज़ प्लास्टिक के भंडारण, परिवहन एवं विक्रय की सूचना प्रदान करने वाले नागरिकों के लिए जून 2024 से पारितोषिक योजना लागू है। उन्होंने स्थानीय निकायों को इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष जन-जागरुकता गतिविधियाँ चलाने के निर्देश दिए, ताकि प्लास्टिक प्रतिबंध को पूरी तरह लागू किया जा सके।
जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन पर डीएलएमसी की कड़ी चेतावनी
स्पेशल टास्क फोर्स बैठक के बाद जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के संग्रहण, परिवहन और निपटान में बारकोड प्रणाली को अनिवार्य रूप से लागू करने, सीवर लाइन से नहीं जुड़े अस्पतालों में एसटीपी स्थापना तथा सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा सीबीडब्ल्यूटीएफ सदस्यता के नवीनीकरण पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बारकोड प्रणाली लागू नहीं करने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी तथा पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति भी आरोपित की जाएगी। सभी संस्थानों को 2016 के बीएमडब्ल्यू नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
वायु गुणवत्ता सुधार पर जोर
शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्राप्त फंड राशि के उपयोग पर संबंधित बैठक आयोजित हुई। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने सभी विभागों को फंड उपयोग का विस्तृत विवरण और अब तक किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। बैठक में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए विभिन्न तकनीकों और कार्ययोजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। एडीएम ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि निर्धारित योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करें ताकि स्वच्छ, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त शहर सुनिश्चित किया जा सके।