उदयपुर। संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से संस्कृतभारती की प्रांत प्रवास योजना के अंतर्गत शनिवार, 13 दिसंबर 2025 को उदयपुर नगर के शिवाजी नगर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह गोष्ठी प्रांत अध्यक्ष महेश शर्मा के सान्निध्य में सम्पन्न हुई, जिसमें संगठन के वर्तमान एवं भावी कार्यक्रमों को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
गोष्ठी में संस्कृतभारती द्वारा संचालित तथा आगामी प्रस्तावित योजनाओं—सरल संस्कृत परीक्षा, 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक केकड़ी में होने वाले प्रांत स्तरीय भाषा प्रबोधन वर्ग, छात्र सहभागिता, कार्यकर्ता निर्माण, संगठनात्मक विस्तार एवं जनसंपर्क अभियानों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इन योजनाओं को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाने और धरातल पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए ठोस कार्ययोजना भी तैयार की गई।
प्रांत अध्यक्ष महेश शर्मा ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि नियमित संस्कृत संभाषण वर्ग, सतत प्रशिक्षण और कार्यकर्ताओं की सक्रिय सहभागिता से ही संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने उदयपुर महानगर की संगठनात्मक क्षमता की सराहना करते हुए भविष्य में यहाँ से संस्कृत प्रचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य होने की संभावना व्यक्त की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय विस्तारक योजना के अंतर्गत उदयपुर महानगर को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली। गौरव को उदयपुर महानगर विस्तारक के रूप में दायित्व सौंपा गया। उन्होंने बताया कि विस्तारक योजना के तहत महानगर क्षेत्र में एक वर्ष में 51 शिविर की संकल्पना है, जिससे संस्कृत प्रचार को नई गति मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पूर्व कोटा एवं अजमेर महानगर में विस्तारक नियुक्त किए जा चुके हैं, जहां नियमित रूप से कार्य संचालित हो रहा है।
विस्तारक प्राप्त होने के उपलक्ष्य में आयोजित यह प्रथम बैठक उत्साह, ऊर्जा एवं संतोष से परिपूर्ण रही, जिसे संगठनात्मक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा गया।
गोष्ठी में सेवानिवृत्त प्राचार्य नरेंद्र भुवालिया, महानगर अध्यक्ष संजय शांडिल्य, विभाग संयोजक दुष्यंत नागदा, सहसंयोजक नरेंद्र शर्मा, प्रांत विद्वत परिषद प्रमुख डॉ. रेणु पालीवाल, महानगर प्रचार प्रमुख रेखा सिसोदिया, विस्तारक गौरव, प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ. यज्ञ आमेटा सहित अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने एकमत होकर संस्कृतभारती के उद्देश्यों को जन-जन तक पहुंचाने, अधिक से अधिक लोगों को संस्कृत से जोड़ने तथा उदयपुर को संस्कृत गतिविधियों का एक सशक्त केंद्र बनाने का संकल्प लिया।
साथ ही गोष्टी के द्वितीय चरण में संस्कृतभारती के पालक व विभिन्न योजनाओं के पितामह भामाशाह के रूप में और प्रतिवर्ष संस्कृत सम्मेलन में पूर्ण सहभागिता के चलते पेसिफिक विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन श्री राहुल अग्रवाल एवं एमडी श्री अमन अग्रवाल को संस्कृति गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसमें "संस्कृतं वदतु" पुस्तक, मोमेंटो प्रतीक चिन्ह के साथ संस्कृत भारती परिचय पत्रक के लोकार्पण के साथ भेंट किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व राष्ट्रीय सेवा भारती के प्रकाशन प्रमुख व सेवा भारती के राजस्थान क्षेत्र संगठन मंत्री मूलचंद सोनी का विशेष सान्निध्य के साथ इस अवसर पर बैंक अधिकारी सुशील शर्मा, प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ यज्ञ आमेटा, विभाग संयोजक दुष्यंत नागदा, विस्तारक गौरव साहू आदि उपस्थित रहे।