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शिल्पग्राम उत्सव 2025 का रंगारंग आग़ाज़ राठवा डांस ने बांधा समां, लावणी–तलवार रास ने बढ़ाया रोमांच

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23 Dec 25
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शिल्पग्राम उत्सव 2025 का रंगारंग आग़ाज़  राठवा डांस ने बांधा समां, लावणी–तलवार रास ने बढ़ाया रोमांच

 

उदयपुर।शिल्प, संस्कृति और लोक परंपराओं के महाकुंभ शिल्पग्राम उत्सव 2025 ने तीसरे दिन दर्शकों को रंग, ताल और लय की अनूठी दुनिया में पहुंचा दिया। गुजरात के आदिवासी राठवा नृत्य की रोमांचक प्रस्तुति ने जैसे ही मंच संभाला, दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। नर्तकों द्वारा नर्तकियों को कंधों पर उठाकर बनाए गए पिरामिड और संतुलन से भरे करतबों पर तालियों की गड़गड़ाहट से मुक्ताकाशी मंच गूंज उठा।


उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा आयोजित दस दिवसीय इस उत्सव के तीसरे दिन की प्रस्तुतियों ने उत्सव की थीम ‘लोक के रंग – लोक के संग’ को जीवंत कर दिया।

लोकनृत्यों की बहुरंगी छटा

मुख्य संध्या कार्यक्रम में राजस्थान के नगाड़ा वादन, सफेद आंगी व लाल आंगी गेर और चरी नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया। वहीं ओडिशा का संभलपुरी, मणिपुर का लाई हारोबा और कर्नाटक का पूजा कुनिथा नृत्य लोक संस्कृति की विविधता को साकार करता नजर आया।

कश्मीर के रौफ नृत्य की प्रस्तुति—
“घूमरो-घूमरो श्याम रंग घूमरो…”
पर दर्शक भी सुर में सुर मिलाते दिखे। महाराष्ट्र की लावणी ने अपनी अदाकारी, श्रृंगार और लयकारी से सभी को सम्मोहित कर दिया, जबकि मल्लखंभ के साहसिक करतबों ने रोमांच की चरम सीमा छू ली।

पंजाब के लुड्डी, गुजरात के तलवार रास और हरियाणा की घूमर प्रस्तुतियों ने दर्शकों में जोश और उल्लास भर दिया। कार्यक्रम का सशक्त संचालन मोहिता दीक्षित और वेदिका दीक्षित ने किया।

और भी रोचक होंगी प्रस्तुतियां : फुरकान खान

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि शिल्पग्राम उत्सव का उद्देश्य देशभर की लोक कलाओं और हस्तशिल्प को एक साझा मंच देना है। उदयपुर और मेवाड़ के कला-प्रेमियों की भागीदारी ने इस उत्सव को खास पहचान दी है। आने वाले दिनों में और भी आकर्षक लोक प्रस्तुतियां दर्शकों को देखने को मिलेंगी।

‘हिवड़ा री हूक’ बना युवाओं की पसंद

बंजारा मंच पर आयोजित ‘हिवड़ा री हूक’ कार्यक्रम युवाओं में खासा लोकप्रिय बना हुआ है। गीत-संगीत, श्रोताओं की सहभागिता और संचालक सौरभ भट्ट की रोचक प्रश्नोत्तरी ने माहौल को जीवंत बना दिया। सही जवाब देने वालों को उपहार भी दिए जा रहे हैं।

थड़ों पर सजी लोक संस्कृति

सुबह 11 से शाम 6 बजे तक शिल्पग्राम के विभिन्न थड़ों पर गवरी, कच्ची घोड़ी, बाजीगर करतब, गोंधल, पोवाड़ा, मसक वादन, मांगणियार गायन, बीन जोगी, कठपुतली, डेरू-घूमट जैसी प्रस्तुतियां मेलार्थियों को खूब लुभा रही हैं। बहरूपिए और पत्थर की कलात्मक मूर्तियां भी सेल्फी पॉइंट बन गई हैं।

आज (बुधवार) के विशेष आकर्षण

मुक्ताकाशी मंच पर आज शाम
गरबा (गुजरात), जगरना (जम्मू), नगाड़ा वादन, सहरिया स्वांग, सफेद आंगी गेर, देखनी (गोवा), लाई हारोबा (मणिपुर), होजगिरी (त्रिपुरा), घूमर (हरियाणा) और संभलपुरी (ओडिशा) की प्रस्तुतियां दर्शकों को रिझाएंगी।
महाराष्ट्र का कर्ण ढोल और मल्लखंभ रोमांच को नई ऊंचाई देंगे।

स्पेशल स्टोरी | शिल्पग्राम उत्सव-2025

कश्मीर के कहवे की खुशबू और तासीर बनी आकर्षण का केंद्र

ठंड के मौसम में केसर और ड्राय फ्रूट्स से बने कश्मीरी कहवे की चुस्की शिल्पग्राम में सबकी पसंद बनी हुई है। ढोल हट के पीछे कश्मीर के मोहम्मद इकबाल अपने प्रदेश के प्रसिद्ध ड्राय फ्रूट्स, पैक्ड कहवा और शुद्ध शहद के साथ मेलार्थियों को लुभा रहे हैं।

इकबाल बताते हैं कि कहवा केसर, इलायची, दालचीनी, काली मिर्च, मुलेठी, गुलाब की पंखुड़ियों और ड्राय फ्रूट्स के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने में भी सहायक है।

ड्राय फ्रूट्स और शिलाजीत की खास रेंज

अखरोट, बादाम, अंजीर, खुरमानी, क्रेनबेरी, किशमिश, शहद, शिलाजीत, राजमा और पहाड़ी लहसुन जैसी शुद्ध और उम्दा क्वालिटी की वस्तुएं यहां खास आकर्षण बनी हुई हैं।


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