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नए साल की आहट: राजस्थान, भारत और विश्व के लिए कितनी होगी कारगर

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30 Dec 25
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नए साल की आहट: राजस्थान, भारत और विश्व के लिए कितनी होगी कारगर

गोपेन्द्र नाथ भट्ट 

नववर्ष केवल कैलेंडर बदलने का नाम नहीं है, बल्कि यह नई संभावनाओं, नई चुनौतियों और नई दिशा का संकेत भी देता है।अब जब अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष 2026 की आहट सुनाई दे रही है, तब यह सवाल स्वाभाविक है कि आने वाला वर्ष राजस्थान, भारत और पूरे विश्व के लिए कितना कारगर साबित होगा।

 

नया साल हमेशा उम्मीदों, संकल्पों और नई संभावनाओं का प्रतीक होता है। जब एक वर्ष विदा लेता है और नया वर्ष दस्तक देता है, तब व्यक्ति ही नहीं, समाज, राज्य, देश और पूरी दुनिया आत्ममंथन के दौर से गुजरती हैं। आने वाले नए साल की आहट राजस्थान, भारत और विश्व तीनों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह वर्ष जहां प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को पाने की दिशा में विकास की नई संभावनाएं लेकर आ रहा है, वहीं अनेक चुनौतियाँ भी भारत के लिए कसौटी बनेगा।

 

*राजस्थान: विकास और संतुलन की परीक्षा*

 

भारत में भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान के लिए नया साल आर्थिक विकास और सामाजिक संतुलन की दृष्टि से निर्णायक साबित हो सकता है। राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, तेल रिफाइनरी,औद्योगिक निवेश और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। थार का सूर्य प्रदेश को दुनिया का सबसे बड़ा ऊर्जा हब बनाने की क्षमता रखता है। प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार ने सौर ऊर्जा के साथ ही हरियालों राजस्थान,पेयजल सिंचाई और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी तेज़ी दिखाई है। राजस्थान और मध्य प्रदेश की नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी)को पुनर्संशोधित कर रामसेतु परियोजना बनाई गई है तथा भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के साथ एम ओ यू कर काम को आगे बढ़ाया जा रहा है । साथ ही यमुना नदी के जल को राजस्थान के शेखावाटी अंचल में लाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ समझौता किया गया है । इन परियोजनाओं के नए साल में सिरे पर चढ़ने से पानी को कमी वाले राजस्थान में पीने के पानी और सूखे खेतों तक पानी पहुँचाने का बड़ा काम होने की उम्मीद है। जोधपुर के निकट पचपदरा में बन कर तैयार करोड़ों रू की तेल रिफाइनरी के साथ पेट्रो कॉम्पलेक्स का आगमन नए वर्ष में पश्चिमी राजस्थान में आशा के नए सूरज को उदय कराएगा ।नए साल में दक्षिणी राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के हाथों नीव रखें जाने वाले राज्य के दूसरे परमाणु बिजली घर से देश के ऊर्जा क्षेत्र को बहुत उम्मीदें है। साथ ही रेल से अछूते इस आदिवासी अंचल को डूंगरपुर बाँसवाड़ा रतलाम तथा नीमच बाँसवाड़ा दाहोद रेल लाईन के आने की उम्मीदें है । इस अंचल में सोने के भंडारों की खोज भी सुनहरी आशा लिए आने वाली है।

हालांकि, राजस्थान सरकार के सामने वर्तमान परिस्थितियों में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण भी एक बड़ी चुनौती है। अरावली पर्वतमाला का संरक्षण, जल संकट, गिरता भूजल स्तर और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव राज्य के सामने गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं। वहीं अरावली संरक्षण, जल संकट, बेरोज़गारी और सीमावर्ती सुरक्षा जैसे मुद्दे भी उतने ही अहम रहेंगे। नए साल में सरकार और समाज दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास टिकाऊ हो। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना भी उतना ही जरूरी होगा। यदि नई परियोजनाएं समयबद्ध तरीके से धरातल पर उतरती हैं, तो राजस्थान रोजगार सृजन और राजस्व वृद्धि में नई ऊंचाइयों को छू सकता है। राजस्थान के लिए नया साल विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन साधने की चुनौती लेकर आ रहा है। नीतियां केवल कागजों तक सीमित न रहकर जमीन पर असर दिखाएं, तो नया साल राजस्थान के लिए सकारात्मक बदलाव का वर्ष बन सकता है। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार के लिए उनके कार्यकाल का तीसरा यह नया वर्ष घोषणाओं को ज़मीनी हकीकत में बदलने की चुनौती वाला वर्ष होगा। यदि नीतिगत फैसले प्रभावी ढंग से लागू होते हैं तो 2026 राजस्थान के लिए स्थायी विकास की नींव रखने वाला वर्ष बन सकता है।

 

*भारत: वैश्विक नेतृत्व की ओर*

 

भारत के लिए नया साल आर्थिक सशक्तिकरण और वैश्विक भूमिका के विस्तार का संकेत देता है। *मेक इन इंडिया*, *डिजिटल इंडिया*और *स्टार्टअप इकोसिस्टम* के चलते भारत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह और अधिक मज़बूत कर सकता है। भारत के लिए नया साल कई दृष्टि से अहम है।भारत एक ओर देश-दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, तो दूसरी ओर यहाँ सामाजिक समरसता, रोजगार और महंगाई जैसे गंभीर मुद्दे एक चुनौती बने हुए हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान ने देश की आर्थिक नींव को मजबूत किया है। नए साल में इन पहलों को और गति मिलने की उम्मीद है। भारत की वैश्विक भूमिका भी लगातार बढ़ रही है तथा फिर से विश्व गुरु बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है । जी-20 की अध्यक्षता करने के अनुभव के बाद भारत को विश्व मंच पर एक जिम्मेदार और समाधान देने वाले देश के रूप में देखा जा रहा है। नए साल में कूटनीति, रक्षा, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत के लिए नए अवसर खुल सकते हैं। हालांकि, लोकतांत्रिक मूल्यों की मजबूती, सामाजिक सौहार्द और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार और समाज दोनों की साझा जिम्मेदारी होगी। चुनावी राजनीति, सामाजिक समरसता और युवाओं के लिए रोज़गार सृजन सरकार के सामने बड़ी कसौटी है। विकास का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुँचा कर नया साल भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर तेजी से और आगे बढ़ा सकता है।

 

*विश्व: उम्मीद भी और अनिश्चितता भी*

 

विश्व स्तर पर नया साल उम्मीद और अनिश्चितता दोनों का संगम है। एक ओर तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित ऊर्जा और चिकित्सा विज्ञान में नए शोध मानव जीवन को बेहतर बना सकते हैं, वहीं दूसरी ओर युद्ध, आतंकवाद, आर्थिक असमानता और जलवायु संकट वैश्विक शांति के लिए खतरा बने हुए हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध, पश्चिम एशिया में तनाव और महाशक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा नए साल में भी वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकती है।जलवायु परिवर्तन विश्व की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। यदि देश स्वार्थ से ऊपर उठकर सामूहिक प्रयास नहीं करते है, तो प्राकृतिक आपदाएं और संसाधनों की कमी भविष्य को और कठिन बना सकती हैं। नए साल की कारगरता इस बात पर निर्भर करेगी कि वैश्विक नेतृत्व सहयोग और संवाद को कितना महत्व देता है। विश्व स्तर पर नया साल शांति और स्थिरता की उम्मीद तो जगाता है, लेकिन युद्ध, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक असमानता और तकनीकी चुनौतियाँ सभी के लिए चिंता का कारण है। नए साल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित ऊर्जा और वैश्विक सहयोग के नए अवसर पैदा करेंगे, बशर्ते देशों के बीच विश्वास और संवाद बना रहे।

 

कुल मिलाकर, नए साल की आहट राजस्थान, भारत और विश्व तीनों के लिए संभावनाओं और अवसरों से भरी हुई है। कारगरता इस बात पर निर्भर करेगी कि नीतियाँ कितनी संवेदनशील, निर्णय कितने दूरदर्शी और क्रियान्वयन कितना ईमानदार होता है। आशा है कि नया वर्ष केवल उम्मीद ही नहीं, ठोस सकारात्मक बदलाव भी लेकर आयेगा लेकिन यह तभी कारगर साबित होगा जब नीतियां दूरदर्शी हों, निर्णय समय पर हों और क्रियान्वयन ईमानदारी से किया जाए। नया साल केवल शुभकामनाओं और संकल्पों तक सीमित न रहेगा, बल्कि ठोस कार्य और सकारात्मक परिणाम लेकर आयेगा यही उम्मीद है।


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