GMCH STORIES

सौर शक्ति से सशक्त राजस्थान-आत्मनिर्भर राजस्थान

( Read 987 Times)

31 Dec 25
Share |
Print This Page
सौर शक्ति से सशक्त राजस्थान-आत्मनिर्भर राजस्थान

सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे घर, लहलहा रही फसलें

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के त्वरित एवं दूरदर्शी निर्णयों से राजस्थान की सोलर हब के रूप में बन रही वैश्विक पहचान

प्रदेश की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता हुई 35 हजार मेगावाट से अधिक

महंगी बिजली से मिल रही राहत, घट रही कोयले पर निर्भरता 

जयपुर, 31 दिसम्बर। नववर्ष का सूरज प्रदेश के लिए नई उम्मीदों की किरणें लेकर आया है। विषम भौगोलिक हालात व मौसम के प्रचण्ड प्रकोप की मार झेलने वाला राजस्थान अब सूरज के विकास रथ पर सवार होकर आगे बढ़ रहा हैं। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के दूरदर्शी नेतृत्व में आमजन के घर सूर्यघर बन रहे हैं। सौर ऊर्जा से मिल रहे पानी से खेतों में सिंचाई हो रही है। बढ़ती सौर ऊर्जा क्षमता के साथ देश में नम्बर वन राज्य के रूप में राजस्थान नए साल में प्रवेश कर रहा है। 

ऊर्जा संकट से ऊर्जा सरप्लस की ओर
ज्यादा पुरानी बात नहीं है जब राजस्थान को कोयले की किल्लत के कारण बिजली संकट का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वर्ष में 320 दिन मिल रहे सूर्य के प्रकाश को प्रदेश का ऊर्जा परिदृश्य बदलने का जरिया बनाया। नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए तेजी से नीतिगत निर्णय किए गए, निवेश में आने वाली बाधाओं को दूर किया गया और भूमि आवंटन की प्रक्रियाओं को सुगम बनाया गया। इससे परियोजनाएं समय पर पूरी होने लगी जिससे दो साल में ही प्रदेश की सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ कर दोगुनी हो चुकी है और राजस्थान ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

दो साल में 18 हजार मेगावाट बढ़ी स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता
राजस्थान अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण सौर ऊर्जा के लिए सबसे उपयुक्त राज्य माना जाता है। वर्तमान में प्रदेश की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 35 हजार 910 मेगावाट पहुंच चुकी है, जो देश की कुल सौर क्षमता का लगभग 27 प्रतिशत है। बीते दो वर्षों में राज्य की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 18 हजार मेगावाट से अधिक की वृद्धि हुई है। भूमि पर लगी देश की 1 लाख मेगावाट स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में से 31 हजार मेगावाट का योगदान राजस्थान का है। राजस्थान इस प्रगति से देश के सोलर हब के रूप में मजबूती से उभर रहा है।

 पीएम कुसुम और पीएम सूर्यघर योजना में भी राजस्थान की रही धाक
विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पीएम कुसुम योजना और पीएम सूर्यघर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। जिसका परिणाम यह हुआ कि पीएम कुसुम में स्थापित ऊर्जा क्षमता दो साल में 122 मेगावाट से बढ़कर 2629 मेगावाट हो गई। कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए एवं कम्पोनेंट-सी के अन्तर्गत प्रदेश की गांव-ढाणियों में 2 हजार 629 मेगावाट क्षमता से अधिक की ग्रिड कनेक्टेड 1 हजार 201 लघु सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें कम्पोनेंट-ए के अंतर्गत 478 मेगावाट क्षमता के 368 प्लांट तथा कम्पोनेंट-सी में 2 हजार 151 मेगावाट क्षमता के 833 प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इस तरह स्थापित ऊर्जा क्षमता में कम्पोनेंट-ए में राजस्थान प्रथम स्थान पर और कम्पोनेंट-सी में तीसरे स्थान पर है। 

पीएम कुसुम योजना से 2 लाख 83 हजार किसानों को दिन में बिजली
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली देने का वादा किया था। आज राजस्थान के 22 जिलों के किसानों को दिन में बिजली मिलने लगी है। सौर ऊर्जा का इसमें बड़ा योगदान है। पीएम कुसुम योजना के सभी कम्पोनेंट्स से 2 लाख 83 हजार से अधिक किसानों को खेती के लिए दिन में बिजली मिल रही है। बीते दो साल में पीएम कुसुम कम्पोनेंट-बी में 58 हजार 361 सोलर पम्पसैट की स्थापना की गई है। सस्ती सौर ऊर्जा मिलने से किसानों की डीजल पंपों पर निर्भरता कम हुई है। 

घर की छत पर बन रही बिजली, बढ़ रही बचत
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की हर घर को ऊर्जादाता बनाने की पहल पर शुरू की गई पीएम सूर्यघर योजना में भी राजस्थान देश में 5वें स्थान पर है। आमजन रूफटॉप पर सोलर पैनल लगाकर ना केवल मुफ्त बिजली प्राप्त कर रहे हैं बल्कि अतिरिक्त बिजली से आर्थिक लाभ भी कमा रहे हैं। प्रदेश में 481 मेगावाट क्षमता के 1 लाख 20 हजार 162 रूफटॉप सोलर संयंत्र पीएम सूर्यघर योजना में लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अब तक कुल 1948 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाए जा चुके हैं। पीएम सूर्यघर योजना में रूफटॉप सोलर स्थापित करने वाले उपभोक्ताओं को 824 करोड़ की केन्द्रीय सब्सिडी वितरित की जा चुकी है।

150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना से और बढ़ेगी बचत
सौर ऊर्जा से घरेलू उपभोक्ताओं की बचत बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना की शुरूआत की है। अक्टूबर माह में पंजीकरण शुरू होने के बाद अब तक 2 लाख 69 हजार से अधिक उपभोक्ता 150 यूनिट निःशुल्क बिजली योजना से जुड़ने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वाले पात्र उपभोक्ताओं को 17 हजार रूपए की राज्य सब्सिडी हस्तांतरित की जाती है। राज्य सब्सिडी की यह राशि पीएम सूर्यघर योजना में देय अधिकतम 78 हजार रूपए की केन्द्रीय सहायता के अतिरिक्त है। 

पीक ऑवर्स की डिमांड को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा बनी उम्मीद की किरण
प्रदेश में पीक ऑवर्स में अब तक अधिकतम डिमांड 19 हजार 165 मेगावाट रही है, जो 2030 तक 25 हजार 48 मेगावाट होना अनुमानित है। इसको देखते हुए प्रदेश में बैटरी एनर्जी स्टोरेज क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। बीकानेर के पूगल में 6 हजार 400 मेगावाट ऑवर बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता विकसित की जा रही है। साथ ही, यहां पर 2 हजार 450 मेगावाट क्षमता का देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क भी विकसित किया जा रहा है। नवम्बर 2027 तक स्थापित होने वाली इन परियोजनाओं से पीक ऑवर्स की डिमांड को पूरा किया जा सकेगा और महंगी बिजली खरीद से मुक्ति मिलेगी। स्वच्छ ऊर्जा नीति-2024 के अन्तर्गत राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक 115 गीगावाट अक्षय ऊर्जा तथा 10 गीगावाट की ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like