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जिला अस्पताल में निःशुल्क इलाज के लिए आभा आईडी होगी अनिवार्य

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29 Dec 25
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अब एचएमआईएस में डिजिटल होगा मरीजों का रिकॉर्ड, आधार जा जन आधार सहित मोबाइल जरूर लेकर लाएं
श्रीगंगानगर।
राज्य में अब नागरिकों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिसके तहत मरीजों के लिए आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आईडी को हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम में कुछ ही दिनों में अनिवार्य रूप से लागू कर दिया जाएगा। यानी अब आभा आईडी के जरिए ही ओपीडी एवं आईपीडी का लाभ मिल सकेगा।
 पीएमओ डॉ. सुखपाल सिंह बराड़ ने बताया कि राज्य में हर नागरिक के लिए डिजिटल एवं गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को विकसित करने के लिए मरीजों की आभा आईडी होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आईडी नागरिक के आधार नंबर या जन-आधार नंबर से बनाई जा सकती है। जिला अस्पताल में ओपीडी व आईपीडी पंजीकरण के दौरान मरीज की आभा आईडी अनिवार्य रूप से बनाया जाना सुनिश्चित करने के लिए संबंधित को पाबंद किया गया है। अगर डेमोग्राफिक ऑथेंटिकेशन फेल होता है, तो ओटीपी माध्यम से आभा आईडी बनवाई जा रही है। स्कैन एंड शेयर के माध्यम से ओपीडी रजिस्ट्रेशन को प्राथमिकता से बढ़ावा दिया जा रहा है। पीएमओ डॉ. बराड़ ने आमजन से अपील की है कि वे जिला अस्पताल या अन्य किसी भी सरकारी चिकित्सा संस्थान में जाते समय आधार या जन आधार सहित इनसे जुड़ा मोबाइल नंबर साथ अवश्य लेकर आएं। आने वाले दिनों में इसे जरूरी रूप से अनिवार्य कर दिया जाएगा।
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’आभा आईडी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाने के मुख्य लाभ’
- नागरिकों को उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
- मरीज अपना हेल्थ रिकॉर्ड अपने मोबाइल पर सुरक्षित प्राप्त कर सकता है।
- स्वास्थ्य एवं उपचार से संबंधित पर्चीध्दस्तावेजों के खोने की चिंता से मुक्ति मिलेगी।
- डॉक्टर द्वारा पुराने हेल्थ रिकॉर्ड मांगे जाने परए मरीज की सहमति उपरान्त ये रिकॉर्ड डिजिटली शेयर किये जा सकते हैं।
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’मरीज ऐसे कर सकेंगे रजिस्ट्रेशन’
 सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि डिजिटल सुविधा से मरीजों को बार-बार काउंटर पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब मरीज आसानी से अपना इलाज करवा सकेंगे।
- मरीजों को अस्पताल परिसर में प्रदर्शित क्यूआर कोड को अपने आभा ऐप या मोबाइल डिवाइस से स्कैन करना होगा।
- स्कैन करने से मरीज की आभा प्रोफाइल सीधे अस्पताल की प्रणाली से जुड़ेगी, जिससे मैन्युअल विवरण भरने की आवश्यकता नहीं होगी।
- आभा ऐप या रजिस्ट्रेशन काउंटर की स्क्रीन पर दिखाई देने वाला एक टोकन नंबर मरीज को प्राप्त होगा।
- मरीज इस टोकन के आधार पर ओपीडी पर्ची लेकर डॉक्टर से परामर्श ले सकेंगे।


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