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गांवों को आत्मनिर्भर बनाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 25 साल

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25 Dec 25
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प्रदेश में 75 हजार किमी. सड़के, 68 पुल बना कर 15983 बसावटों को जोड़ा गया
श्रीगंगानगर में 1158 किमी. सड़के व 1 पुल बनाकर 90 बसावटों को जोड़ा गया
श्रीगंगानगर।
स्वतंत्रता के दशकों बाद तक भारत के ग्रामीण क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। इन सुविधाओं तक पहुँचने के लिए एक मार्ग की जरूरत थी। इसी जरूरत को समझते हुए पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के रूप में भारत के असंबद्ध गांवों को सड़क से जोड़ने की मजबूत नींव रखी। जिसके तहत सामान्य क्षेत्र की 500 से अधिक एवं मरूस्थलीय तथा आदिवासी क्षेत्र की 250 से अधिक आबादी की बसावटों को सर्वकालिक पक्की सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया तथा आगे चलकर इसमें प्रमुख ग्रामीण सड़कों का चौड़ाईकरण सुदृढ़ीकरण करने का लक्ष्य भी सम्मिलित किया गया।
इसी लक्ष्य की प्राप्ति में राजस्थान ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उक्त योजना के तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा गत 25 वर्षों में प्रदेश में 75 हजार किमी. सड़कों का निर्माण किया गया एवं 15983 बसावटों/गांवों को ऑलवेदर पक्की सड़कों से जोड़ा गया। यह केवल सड़कों का विस्तार नहीं है बल्कि दूर दराज के गांवों तक शिक्षा, स्वास्थ्य और नये अवसरों को पहुँचाने की पहल रही है।
इस अवधि में श्रीगंगानगऱ जिलें में लगभग 263 करोड़ रुपये की लागत से 1158 किमी. सड़कों व 1 पुल का निर्माण करवाकर 90 बसावटों को ऑलवेदर सड़कों से जोड़ा गया है।
प्रथम चरण में जिलें में लगभग 162 करोड़ रूपये की लागत से 854 किमी. लम्बाई की सड़कों का निर्माण कर 90 बसावटों को ऑलवेदर पक्की सड़कों से जोड़ा गया। इसके साथ ही 542 किमी. सड़कों का चौडाईकरण व सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया ।
जैसे जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया, चयनित थ्रू रूट्स और ग्रामीण सड़क नेटवर्क को अधिक मजबूत करने की जरूरत महसूस की गई। वर्ष 2013 में भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया की सिर्फ नयी सड़कों का निर्माण पर्याप्त नहीं है, बल्कि मौजूदा सड़कों के नेटवर्क को और अधिक मजबूत करना भी आवश्यक है। योजना के दूसरे चरण में जिलें में 29 करोड़ रुपये की लागत से 112 किमी. लम्बाई की सड़कों का चौडाईकरण सृदृढ़ीकरण कार्य करवाया गया।
योजना के तीसरे चरण में भी मौजूदा मार्गों व ग्रामीण संपर्क मार्गों को उन्नत किया गया ताकि बसावटों से कृषि बाजारों, कॉलेजों, अस्पतालों, अन्य किसान संबंधित उद्यमों तक सुगम एवं त्वरित कनेक्टिविटी स्थापित की जा सकें। इस चरण में अब तक जिलें में 71 करोड़ रुपये की लागत से 192 किमी. की 17 सड़कों का चौड़ाईकरण एवं सुदृढ़ीकरण करवाया गया है।
चौथे चरण के लिए 1638 बसावटें चिन्हित- योजना के चौथे चरण में प्रदेश की 1638 बसावटों को ऑलवेदर सड़कों से जोड़े जाने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके प्रथम फेज में 1216 बसावटों के लिए सड़क व एक पुल का निर्माण करवाया जायेगा। प्रथम फेज में लगभग 2 हजार 89 करोड़ रूपये की लागत से 3219 किमी. नयी सड़कों का निर्माण करवाया जायेगा।


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